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Monday, 1 July 2013

सुषमा- मनीष में छिड़ा 'ट्विटर वॉर'



उत्तराखंड में आई आपदा को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में घमासान का नया दौर शुरू हो गया है। ट्वीट के जरिए दोनों तरफ से बयानबाजियों का दौर तेज हो गया है। आज दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के ट्वीट के जवाब में बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर सरकार पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने आपदा प्रभावित उत्तराखंड के दौरे को लेकर आज एक-दूसरे पर हमले किए। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उत्तराखंड में भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए तो भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने इसका ठीकरा केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पर फोड़ा।

तिवारी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा कि क्या किसी ने संसद के दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को आपदा प्रभावित उत्तराखंड का दौरा करते और वहां के लोगों के साथ सहानुभूति जताते देखा? ऐसा उस पार्टी की ओर से है जो कांग्रेस नेताओं के दौरे की आलोचना करती रही है।
उन्होंने लिखा कि विपक्ष के नेता केंद्रीय जांच ब्यूरो की स्वायत्तता पर केंद्र सरकार के प्रस्तावों की आलोचना कर सकते हैं, जो अभी सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाना है, लेकिन उनके पास उत्तराखंड के दौरे का समय नहीं है।
वहीं, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा कि हम उत्तराखंड नहीं गए, क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया कि हमारे दौरे से बचाव कार्य प्रभावित होंगे। उन्होंने यहां तक कहा कि उनके साथ-साथ किसी को भी राज्य में कहीं भी जाने की अनुमति नहीं है।
सुषमा ने दावा किया कि उत्तराखंड सरकार स्थिति से निपटने में विफल रही है। सरकार पर पीड़ितों के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने लिखा कि जो संकट के समय सही शासन नहीं दे सकते, उन्हें एक दिन भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।
सुषमा ने ट्वीट कर कहा है कि मुझे ये कहते हुए दुख होता है कि उत्तराखंड सरकार इस आपदा से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही है। इस नाकामी के चलते राज्य सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। दुर्भाग्य से दिल्ली की सरकार भी इससे निपटने में पूरी तरह नाकाम रही।
सुषमा ने ट्वीट किया कि हम इसलिए उत्तराखंड नहीं गए क्योंकि गृहमंत्री ने कहा था कि वहां जाने से राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी। खुद गृहमंत्री ने कहा था कि उन्हें और दूसरे नेताओं के राज्य में जाने पर रोक है। मैंने 18 जून को गृहमंत्री से इस संबंध में बात की थी और ट्वीट भी किया था।
जब हम बात जिम्मेदारी की उठाते हैं आप इसे राजनीति करार देते हैं। हम राजनीति के नाम पर सरकार को उसकी नाकामी से बचकर नहीं जाने दे सकते। जितना भी राहत-बचाव कार्य हुआ है वो सब सेना, एयरफोर्स और आईटीबीपी ने किया है। उन्होंने अपने जान की बाजी भी लगा दी। मैं उन्हें सलाम करती हूं।

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