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Wednesday, 3 July 2013

कांग्रेस की सोरेन सरकार




भारतीय जनता पार्टी अगर आगामी लोकसभा चुनाव में एकला चलो के सिद्धांत पर आगे बढ़ती दिखाई दे रही है तो कांग्रेस ने अभी से यूपीए के संभावित साथियों के साथ गठजोड़ और सौदेबाजी शुरू कर दी है। अगर तमिलनाडु में कनिमोझी को राज्यसभा में पहुंचने का समर्थन देकर डीएमके को साधने की कोशिश की गई है तो झारखण्ड में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के साथ सौदेबाजी अंतिम चरण में है। झामुमों से कांग्रेसी रणनीतिकार जिस समझौते को अंजाम दे रहे हैं उसके मुताबिक राज्य में अगर कांग्रेस झामुमों के मुख्यमंत्री को स्वीकार करेगी तो बदले में झामुमों को प्रदेश में लोकसभा की ज्यादातर सीटें कांग्रेस को देनी होगी।  झारखंड में झामुमो के साथ अगले लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन करने और प्रदेश में गठबंधन सरकार के गठन पर बातचीत अंतिम चरण में पहुंचने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को एके एंटनी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस बारे में विचार विमर्श किया. आज सुबह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उन्हें झामुमो से अब तक हुई बातचीत से अवगत कराया. अगले आम चुनाव के लिए गठबंधन बनाने के मुद्दे पर गठित उप समूह के अध्यक्ष एवं रक्षा मंत्री ए के एंटनी, झारखंड मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, कांग्रेस महासचिव शकील अहमद, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सुखदेव भगत और कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेन्द्र सिंह इन नेताओं में शामिल हैं.इससे पहले भगत, सिंह और प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सरफराज अहमद ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात की थी.
हाल फिलहाल तक भारतीय जनता पार्टी शीबू सोरेन के साथ मिलकर प्रदेश में सत्तानशीं थी, लेकिन भाजपा के भीतर की आंतरिक कलह और हेमंत को मुख्यमंत्री की कुर्सी न देने की जिद्द के कारण भाजपा और झामुमों के बीच समझौता टूट गया। समझौते के टूट की ताक में बैठी कांग्रेस ने पहले तो यह संकेत दिया था कि वह झामुमों के साथ मिलकर सरकार बना सकती है लेकिन सरकार गिरते ही उसने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। राष्ट्रपति शासन के करीब छह महीने पूरे होने को आये और अब जोड़ तोड़ पूरी हो जाने के बाद राज्य में "लोकतांत्रिक सरकार" का न केवल रास्ता साफ हो गया है बल्कि मुख्यमंत्री की कुर्सी भी झामुमों को सौंप दी गई है। अब यह झामुमों को तय करना है कि बाप जी मुख्यमंत्री बनते हैं कि बेटा जी कुर्सी संभालते हैं। कांग्रेस को राज्य से ज्यादा केन्द्र की चिंता है इसलिए उसका असली मकसद लोकसभा चुनाव में राज्य से ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना है। अगर इसके लिए राज्य में किसी सरकार को समर्थन देना है तो कांग्रेस को भला क्या परहेज हो सकता है। शकील अहमद और बीके हरिप्रसाद से झारखण्ड में हुई बातचीत के बाद जो प्रस्ताव तैयार किया गया था उस पर विचार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज एके एंटनी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस बारे में विचार विमर्श किया। आज सुबह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उन्हें झामुमो से अब तक हुई बातचीत से अवगत कराया। अगले आम चुनाव के लिए गठबंधन बनाने के मुद्दे पर गठित उप समूह के अध्यक्ष एवं रक्षा मंत्री एके एंटनी, झारखंड मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, कांग्रेस महासचिव शकील अहमद, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सुखदेव भगत और कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेन्द्र सिंह इन नेताओं में शामिल हैं। इससे पहले भगत, सिंह और प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सरफराज अहमद ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात की थी।कांग्रेस की कोशिश है कि राज्य में जो सीटें कम पड़ रही है उसे लालू यादव की राजद पूरी कर दे और सरकार में साझीदार बने। कांग्रेस को शत प्रतिशत भरोसा है कि राजद झारखंड में नयी सरकार का समर्थन करेगी। कांग्रेस ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि प्रदेश में झामुमो का मुख्यमंत्री होगा। झामुमो इसके बदले कांग्रेस को लोकसभा की 14 सीटों में बड़ा हिस्सा देने पर राजी हो गई है। शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन को प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाये जाने के संकेत हैं। हेमंत सोरेन ने मंगलवार रात गठबंधन सरकार के बारे में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ बैठक भी की है। लालू के साथ बैठक से कुछ ही घंटे पूर्व हेमंत सोरेन ने एंटनी और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के साथ लम्बी चर्चा की। समझा जाता है कि इस बैठक में सरकार गठन की बारीकियों पर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि नयी सरकार में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा जबकि कांग्रेस सरकार में शामिल होगी और उसे पांच से छह मंत्रालय मिल सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि राजद को दो मंत्री पद मिलने की उम्मीद है जबकि झामुमो को मुख्यमंत्री एवं चार मंत्री पदो से संतोष करना पड़ सकता है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद और शकील अहमद ने मंगलवार को झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की. इसके पूर्व सोमवार की रात में हेमंत सोरेन के साथ सरकार की रूपरेखा तय कर ली गयी थी. इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, विधायक राजेंद्र सिंह व सरफराज अहमद भी मौजूद थे. झामुमो की ओर से हेमंत सोरेन, चंपई सोरेन और मथुरा महतो उपस्थित थे.
शिबू को सरकार गठन के बारे में जानकारी देते हुए शकील अहमद ने कहा कि बाबा रात में हेमंत से सारी बातचीत हो गयी है. आपसे मिलने आये हैं. आप सहयोग करें. हमलोग हेमंत को लेकर दिल्ली जा रहे हैं. वहां मैडम से भी बात होगी. जल्द ही सरकार बन जायेगी. शिबू ने कहा कि आप लोग अच्छा से सब कुछ करें. हम साथ हैं. दिन के 11.30 बजे शिबू सोरेन के आवास पर पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने करीब 45 मिनट बैठक की. इस दौरान सरकार का खाका भी उनके सामने पेश किया गया. झामुमो के कितने मंत्री होंगे, कांग्रेस की क्या भूमिका होगी. यह भी बताया गया कि स्टीयरिंग कमेटी बनेगी, जिसके अध्यक्ष शिबू सोरेन होंगे. सारी बातचीत होने के बाद कांग्रेस के नेता एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गये.

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