खाद्य सुरक्षा विधेयक को कांग्रेस लोकसभा चुनावों में वोट बैंक के रूप में भुनाने को तैयार है। कांग्रेस की रणनीति अपने राज्यों में इस योजना को जल्द लागू करने के साथ−साथ उन राज्यों के वोटरों तक भी संदेश पहुंचाने की है, जहां विपक्षी दलों की सरकार है।
दरअसल, कांग्रेस मनरेगा की तरह खाद्य सुरक्षा योजना को भी चुनावी कार्ड की तरह इस्तेमाल करेगी। यही वजह है कि खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस 20 अगस्त को दिल्ली से की जाएगी।
कांग्रेस शासित यूपीए सरकार लोकसभा चुनाव के ऐन पहले गरीबों की हितैषी होने का दावा कर फूड सिक्योरिटी बिल लेकर आ रही है लेकिन साढ़े नौ वर्ष तक यूपीए सरकार को गरीबी एवं महंगाई की चक्की में पिस रही देश की जनता की याद क्यों नहीं आई।
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इस संबंध में पूर्वांचल विकास मोर्चा के अध्यक्ष अजीत पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले फूड सिक्योरिटी बिल नहीं बल्कि वोट सिक्योरिटी बिल की घोषणा कर रही है। क्या कांग्रेस पार्टी अथवा इसका कोई नेता यह बताने की स्थिति में है कि देश पर साढ़े पांच दशक तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी गरीबों की भलाई ऐसा पहले क्यों नहीं कर सकी और देश में रोटी, पानी और रोजगार की कमी क्यों है।
अगर सरकार वाकई गरीब एवं जन हितैषी है तो ऐसा निर्णय पहले लेना चाहिए था, ताकि गरीब और अमीर के बीच गहरी हो रही खाई को भरा जा सकता। शर्मा ने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी इस बिल के विरोध में नहीं है, बल्कि एनडीए शासित नौ प्रदेशों में पहले से ही गरीब जनता को अनाज सस्ते दामों पर मुहैया करवाया जा रहा है।
दरअसल, कांग्रेस मनरेगा की तरह खाद्य सुरक्षा योजना को भी चुनावी कार्ड की तरह इस्तेमाल करेगी। यही वजह है कि खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस 20 अगस्त को दिल्ली से की जाएगी।
कांग्रेस शासित यूपीए सरकार लोकसभा चुनाव के ऐन पहले गरीबों की हितैषी होने का दावा कर फूड सिक्योरिटी बिल लेकर आ रही है लेकिन साढ़े नौ वर्ष तक यूपीए सरकार को गरीबी एवं महंगाई की चक्की में पिस रही देश की जनता की याद क्यों नहीं आई।
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इस संबंध में पूर्वांचल विकास मोर्चा के अध्यक्ष अजीत पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले फूड सिक्योरिटी बिल नहीं बल्कि वोट सिक्योरिटी बिल की घोषणा कर रही है। क्या कांग्रेस पार्टी अथवा इसका कोई नेता यह बताने की स्थिति में है कि देश पर साढ़े पांच दशक तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी गरीबों की भलाई ऐसा पहले क्यों नहीं कर सकी और देश में रोटी, पानी और रोजगार की कमी क्यों है।
अगर सरकार वाकई गरीब एवं जन हितैषी है तो ऐसा निर्णय पहले लेना चाहिए था, ताकि गरीब और अमीर के बीच गहरी हो रही खाई को भरा जा सकता। शर्मा ने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी इस बिल के विरोध में नहीं है, बल्कि एनडीए शासित नौ प्रदेशों में पहले से ही गरीब जनता को अनाज सस्ते दामों पर मुहैया करवाया जा रहा है।
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