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Thursday, 25 July 2013

5 और 12 रुपये में भरपेट खाना ?



योजना आयोग की तरफ से गरीबी के नए आंकड़े पेश किए जाने के बाद कांग्रेस इसे सही ठहराने की पुरजोर कोशिश में है। दिन भर की गुजर के लिए 33 रुपये को पर्याप्त बताने वाले योजना आयोग की दलीलों को कांग्रेस सही ठहराने पर तुले हैं। इसे लेकर बीजेपी के हमले के बाद कांग्रेस प्रवक्ता राज बब्बर ने चैलेंज किया है कि 33 रुपये पर्याप्त हैं। राज बब्बर ने ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में दलील देते हुए समझाने की कोशिश की कि कीमतों में इजाफे के बावजूद गरीबी घटी है। राज बब्बर ने कहा कि मैं मुंबई जैसे शहर में 12 रुपये में भरपेट खाना खा सकता हूं। वो भी बड़ा पाव नहीं, बल्कि चावल, दाल और सांभर।
उधर, कांग्रेस नेता रशीद मसूद ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया। मसूद ने कहा कि दिल्ली में तो पांच रुपये में भरपेट खाना खाया जा सकता है। मसूद ने कहा कि मुंबई का तो मुझे पता नहीं, लेकिन दिल्ली में जामा मस्जिद के नजदीक पांच रुपये में खाना मिल जाता है। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने इसे गरीबों के साथ मजाक करार दिया है। बीजेपी का कहना है कि ऐसे बयानों से पता चलता है कि सरकार की गरीबी की परिभाषा महंगाई की असलियत से कितनी दूर है। कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों ने बीजेपी को हमले का और मौका दे दिया है।
बता दें कि योजना आयोग ने यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश में गरीबी का आंकड़ा 22 फीसदी घटने का दावा किया था। आयोग ने पेट पालने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 28 रुपये और शहरी क्षेत्रों के लिए 33 रुपये प्रतिदिन को पर्याप्त बताया था। इसी को सही साबित करने के लिए कांग्रेस के नेताओं की तरफ से बयानों का दौर चल रहा है।

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