संसद के उच्च सदन राज्यसभा का सांसद कैसे बना जाता है, इस पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है? क्या राज्यसभा की सदस्या खरीदी जाती है? हरियाणा के एक कांग्रेसी नेता की मानें तो राज्यसभा का सासंद बनने के लिए काबिलियत नहीं, बल्कि जेब में करोड़ों रुपये होने चाहिए।
दरअसल, हरियाणा के दिग्गज नेता बीरेंद्र सिंह ने अपनी भड़ास निकालने हुए दावा किया है कि लोग राज्यसभा के सासंद बनने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। यह दावा कर नेता जी ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर हमला कर दिया है। लेकिन बीरेंद्र सिंह आखिर अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेताओं पर भ्रष्टाचार की आरोप क्यों लगा रहे हैं? इसका जवाब भी उन्हीं के बयान से साफ हो जाता है। वह बताते हैं, रेल मंत्री की कुर्सी सिर्फ योग्यता पर नहीं, बल्कि दान से मिलती है। पिछली बार मेरा रेल मंत्री बनना तय था, लेकिन आखिरी मौके पर पत्ता साफ हो गया।' उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि गोल करने ही वाला था कि रेफरी ने सीटी बजा दी।
इस मौके पर चौधरी ने कहा कि मुझसे एक व्यक्ति ने कहा कि राज्यसभा सांसद बनने के लिए मेरा बजट 100 करोड़ रुपये का था, लेकिन मेरा काम 80 करोड़ रुपये में ही हो गया। मैंने 20 करोड़ रुपये बचा लिए। हालांकि, यहां भी उन्होंने उस व्यक्ति का नाम नहीं बताया। चौधरी के इस बयान पर कांग्रेस सांसद पी.एल. पूनिया ने कहा कि राज्यसभा में जो लोग आते हैं वे अपनी समाजसेवा के दम पर आते हैं। उनमें से बहुत से तो ऐसे होते हैं कि 1 लाख रुपया तक नहीं दे सकते, 100 करोड़ की तो दूर की बात है।
बता दें कि चौधरी बीरेंद्र सिंह लम्बे समय से हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुडा की राजनीति को कमजोर करने में जुटे हुए हैं। लेकिन शायद कोई बड़ा पद न मिलने के कारण उनका सब्र का बांध गया है। जानकारों की मानें तो बीरेंद्र के बगावती तेवर देख लगता है कि वह कुछ बड़ा फैसला लेने के मूड में हैं।
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