झारखंड विधानसभा में आज हेमंत सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव जीत लिया. सरकार के पक्ष में 43 और विपक्ष में 37 वोट पडे. विश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब देते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर क्यों विपक्ष इस सरकार गठन का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनता ने जिस तरह का जनादेश दिया है, उसमें गंठबंधन की सरकार ही संभव है.
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की जो स्थिति है, उसके लिए हम सब जिम्मेवार हैं. हेमंत ने कहा कि झामुमो हर परिस्थिति के लिए तैयार है. चाहे चुनाव में जाना हो या गंठबंधन की तैयारी करनी हो. हेमंत ने निर्दलीय विधायकों को बिकाऊ कहने पर भी आपत्ति की.
सरकार प्रस्ताव के पक्ष में मतदान के लिए सीबीआई सम्मन से बचती भाग रहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक सीता सोरेन को सदन में लाने में सफल रही. वहीं दूसरे दागी एवं बीज घोटाले में फरार चल रहे विधायक नलिन सोरेन भी सदन में पहुंच गये हैं.सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि अगर विधायक नलिन सोरेन सरेंडर कर देते हैं, तो वे वोट कर सकते हैं.
आज झारखंड विधानसभा में विश्वासमत पेश किया गया है और नलिन सोरेन के मत देने पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी जो अब स्पष्ट हो गयी है.विपक्षी झारखंड विकास मोर्चा के एक विधायक सदन से गायब हैं जिसके लिए सदन में झाविमो ने अपहरण का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया.
नलिन सोरेन के विधानसभा में पहुंचने के बाद सत्तापक्ष अपने समर्थक विधायकों की सूची के सभी 43 विधायकों को सदन में लाने में सफल हो गया है और उसके विश्वास मत जीतने में कोई संशय नहीं रह जायेगा.
इस बीच विधानसभाध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने आज विधानसभा की कार्यवाही स्वयं शुरु की और सत्तापक्ष के दबाव के बावजूद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया. बताया जाता है कि नयी सरकार के विश्वास मत परीक्षण के बाद वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
हेमंत सरकार अभी भी विधानसभा की अध्यक्षता भाजपा के चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह के हाथ में होने से निश्चिंत नहीं महसूस कर रही है क्योंकि कुछ मामलों में दागी विधायकों के मतदान के बारे में निर्णय का अधिकार उनके पास ही है. इसके चलते पांच दिन पुरानी सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं जबकि उसे पराजित करने के लिए सभी विपक्षी दलों ने व्हिप जारी कर रखे हैं.
सी पी सिंह के हाथ में विधानसभा की आज की महत्वपूर्ण कार्यवाही की चाबी होने से नवगठित हेमंत सरकार की सांसें फूल रही हैं क्योंकि कांग्रेस विधायक हत्या के जुर्म में जेल में बंद सावना लकड़ा, विधानसभा पहुंचने में सफल हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के फरार चल रहे दो विधायकों नलिन सोरेने और सीता सोरेन और एक निर्दलीय विधायक चमरा लिंडा के सदन में मतदान करने के बारे में फैसला उनके विवेकाधिकार पर निर्भर होगा.
इस बीच आज विपक्षी झारखंड विकास मोर्चा ने सदन में यह आरोप लगाकर सनसनी पैदा कर दी जब उसके विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि उनके विधायक निजामुद्दीन अंसारी का सरकार के लोगों ने अपरहण करा लिया है जिसके चलते वह सदन में नहीं पहुंच सके हैं. उन्होंने व्यवस्था का प्रश्न उठाकर इस मामले में सरकार से जवाब की मांग की.
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