नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के बीच शुरू हुई सत्ता की जंग में अब एक नया मोड़ आ गया है। बुधवार को जहां एक ओर बिहार के मुख्यमंत्री भाजपा से अलग होकर नयी सरकार गठित करने के लिए निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधने में व्यस्त रहे वहीं दूसरी ओर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ी पहल करते हुए जनता दल युनाइटेड को डिवाइड करने की कोशशि शुरू कर दी। खबर है कि बुधवार को नरेन्द्र मोदी की ओर से दो दर्जन जदयू विधायकों को संपर्क किया गया और गठबंधन टूटने की स्थिति में भाजपा की सरकार बनाने के लिए उनसे समर्थन की मांग की गई। इनमें अधिकांश विधायकों से सीधे नरेन्द्र मोदी ने बात की है।
नरेन्द्र मोदी की इस पहल से भाजपा ने जदयू का दो फ़ाड़ करने में सफ़लता हासिल कर ली है। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया गया है लेकिन विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कल गुजरात के नरेंद्र मोदी ने खुद पहल करते हुए जदयू के दो दर्जन विधायकों से फ़ोन पर बातचीत की है। माना जा रहा है कि जदयू और भाजपा के बीच तलाक होने की स्थिति में जदयू के दो दर्जन विधायक एक साथ पार्टी छोड़ेंगे और भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। संभावना व्यक्त की जा रही है कि मोदी यूपी मिशन से पहले अपने बिहार मिशन को कामयाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद ही वे पटना आयेंगे। बहरहाल, भाजपा की ओर से दल-बदल कानून का ख्याल रखा जा है और कोशिश की जा रही है कि आवश्यक संख्या में जदयू विधायक भाजपा में शामिल हों ताकि सरकार बनाने में कोई परेशानी न हो।
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को दो निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में लाने में सफ़लता हासिल की। विधायक पवन कुमार जायसवाल और विनय बिहारी ने कहा है कि वे हर हाल में नीतीश कुमार के साथ हैं और बिहार की जनता को चुनाव नहीं झेलने देंगे। बताते चलें कि बिहार विधानसभा में जदयू के पास अध्यक्ष पद को मिलाकर कुल 118 विधायक हैं। इनमें से एक अध्यक्ष पद को छोड़ दिया जाय तो जदयू को सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्दलीय विधायकों को मंत्री पद देने का निर्णय लिया है। मसलन पवन कुमार जायसवाल को पर्यटन विभाग और विनय बिहारी को कला संस्कृति विभाग की जिम्मेवारी दी जा सकती है।
नीतीश कुमार ने आगामी 17-18 जून को पूर्व से निर्धारित अपनी सेवा यात्रा भी रद्द कर दी है। जबकि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी कल अपने घर पर भाजपा नेताओं के साथ बैठक की। बैठक के बाद सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी और बिहार में सफ़लता अर्जित कर देश में सरकार बनाएगी। अगर इसके लिए कोई कुरबानी की आवश्यकता हुई तो बिहार भाजपा पूरी तरह तैयार है। बताते चलें कि आगामी पन्द्रह जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दल के सभी विधायकों को अपने आवास पर तलब किया है। माना जा रहा है कि इसी बैठक के बाद वे भाजपा के साथ तलाक पर अंतिम मुहर लगायेंगे।
उधर, कल गठबंधन बचाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से फ़ोन पर बातचीत की। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार श्री कुमार ने श्री आडवाणी के अनुरोध को ठुकरा दिया है। वही इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कल अपने बयान में कहा कि भाजपा गठबंधन धर्म का पालन करती है। उनकी पार्टी पूरी कोशिश करेगी कि गठबंधन बना रहे। इसकी वजह यह कि बिहार की जनता ने गठबंधन को अपना मत दिया था। श्री पांडेय ने कहा कि उनकी पार्टी भले ही अपनी ओर से कोई पहल न करे लेकिन अगर जदयू के लोग अलग होना चाहें तो वे स्वतंत्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी उनके सम्मानित नेता हैं और भाजपा उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। ऐसे में BJP की बिहार इकाई के अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार में सरकार चलाने का जनादेश NDA को मिला था, न कि सिर्फ JDU को. यदि कोई एक ही दल बिहार में अपनी सरकार चलाने का प्रयास कर रहा है तो यह राज्य की जनता का अनादर होगा. JDU में गठबंधन तोड़कर सरकार बनाने की छटपटाहट है. BJP के गोवा अधिवेशन में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले आम चुनाव के लिए BJP की प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने पर JDU के नेताओं ने इसे BJP का आंतरिक मामला बताया था, लेकिन अब ऐसा क्या हो गया कि वे गठबंधन तोड़ने पर आमादा हैं?
No comments:
Post a Comment