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Wednesday, 19 June 2013

गौरीकुंड से करीब 5000 लोग लापता

 
-ट्रेकिंग पर 40 लोग फंसे हुए हैं जिनमें विदेशी भी शामिल हैं। आज लगातार दूसरे दिन मौसम खुला है ,उम्मीद है कि आज राहत कार्यों में तेजी आएगी। आज 6 और हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में लगाए जाएंगे। यानी कुल 16 हेलीकॉप्टर राहत कार्य में लगेंगे।
उत्तराखंड में जगह-जगह लोग फंसे हुए हैं। टिहरी में ऐसे ही कुछ सैलानियों को बचाया गया। ये सैलानी गंगोत्री की यात्रा से वापस लौट रहे थे तभी बारिश और बाढ़ की चपेट में आकर बीच रास्ते में फंस गए। ये लोग मुख्य रास्ते पर एक पुल के बह जाने के बाद पानी से घिर गए थे। सेना के जवान और पुलिसवालों ने इन लोगों को रस्सी और टोकरी की मदद से बाहर निकाला। इन सभी को टिहरी के आपदा बचाव केंद्र में पहुंचाया गया है। जहां से इन्हें आगे भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि अभी भी 70-80 से लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन उन्हें निकालने के इंतजाम कर रही है।
उत्तराखंड में बारिश से भारी तबाही मची है। सेना और आईटीबीपी से जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। लेकिन जो तस्वीर उभरकर आ रही है वो बेहद दर्दनाक है। आईटीबीपी और एनडीआरएफ चार हजार लोगों को बचाया है। आईटीबीपी के तीन से चार बटालियन काम कर रहे हैं। आईटीबीपी ने 6400 लोगों को आश्रय दिया है। 11 हजार 400 लोगों को बजाया था। पांच हजार को आर्मी ने रेस्क्यू किया गया। 7 हजार लोग अभी भी फंसे हुए हैं। गौरी कुंड से गुप्त काशी तक लाया जा रहा है। कंट्रोल सेंटर बद्रीनाथ में बनाया गया है। उत्तराखंड के सीएम के बात कर रहा हूं। आज वो केदारनाथ गए हैं। फूड पैकेट दिए जा रहे हैं। हेलिकॉप्टर से निकालने का प्रयास जारी है। सशस्त्र सीमा बल आकादमी (SSB) को करीब 100 करोड़ का नुक्सान हुआ है। उफनती अलकनंदा ने 2 महीने पहले 4 करोड़ की लागत से बने अधिकारी प्रशासक केंद्र को भी तबाह कर दिया है। यहां अलकनंदा की एक धारा ने आपनी दिशा भी बदल दी है। नदी धारा SSB की ओर ले बहने लगी है। अलकनंदा द्वारा मचाई गई तबाही का आलम यह है कि SSB के बद्री स्टेडियम के साथ ही रिक्रूटों की बैरकों का तो नामोनिशान ही मिट गया। सड़कें टूटी हुई हैं, कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ है। 100 से ज्यादा शव बरामद किए जा चुके हैं और 200 से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है। अब भी 1000 से ज्यादा लोग लापता हैं।

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