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Saturday, 22 June 2013

नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे पर शिंदे ने लगाया ब्रेक

उत्‍तराखंड में कुदरत के कहर पर राजनीति भी शुरू हो गई है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार रात देहरादून पहुंचे गये। मोदी प्रभावित क्षेत्रों का जमीनी और हवाई दौरा करने के लिये गये थे, लेकिन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने उनके हेलीकॉप्‍टर को जमीन पर उतारने की इजाजत देने से साफ इंकार कर दिया।


शिंदे ने साफ कह दिया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के अलावा किसी भी नेता के हेलिकॉप्टर को नीचे उतरने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मोदी ने उत्‍तराखंड के प्रभावित इलाकों में कैंप लगाने की बात कही थी। इससे पहले देहरादून पहुंचकर मोदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि संकट की इस घड़ी में पूरा देश उत्‍तराखंड के साथ खड़ा है। हम इस संकट से निबटने में राज्य सरकार को जो भी मदद करेंगे।

मोदी ने कहा कि वह शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मिलेंगे और इस स्थिति से निबटने के लिए जो भी मदद की जरूरत होगी, उसकी पेशकश करेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करने के लिए भी यहां हैं कि उत्तराखंड में फंसे उनके राज्य के लोग अपने घर वापस पहुंच जाएं। दो चार्टर्ड विमान 747 बोइंग विमान गुजरात के तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए अहमदाबाद की उड़ान भरेंगे। इन विमानों में 140-140 यात्री सवार हो सकते हैं।

ध्‍यान रहे कि सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने उत्‍तराखंड का हवाई दौरा कर नुकसान का जायजा लिया, लेकिन मीडिया में इसकी कड़ी आलोचना हो रही है कि हजारों फीट की ऊंचाई से नेता आखिर क्‍या देख लेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई दौरों का कोई मतलब नहीं है बल्कि नेताओं को वहां फंसे लोगों को उम्‍मीद बंधानी चाहिये थी और उनसे मिलना चाहिये था।

ध्‍यान रहे कि उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री खुद अभी तक देहरादून से बाहर उन दुर्गम इलाकों तक नहीं गये हैं। ऐसे में मोदी अगर फंसे हुए लोगों के बीच पहुंचते और जमीनी दौरा करते तो कांग्रेस को तगड़ा झटका लगता है। जानकारों का मानना है कि मोदी का हेलीकॉप्‍टर नहीं उतरने देने के पीछे सिर्फ यही एक मंशा हो सकती है।

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