Translate

Saturday, 29 June 2013

मंहगाई की मार




मंहगाई की मार झेल रही अमता जनता को किसी भी मोर्चे पर राहत के संकेत नहीं मिल रहे हैं। तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत 1.82 रुपये प्रति लीटर बढ़ दिया है। तेल कंपनियों ने इस बढ़ोतरी के पीछे लगातार कमजोर होते रुपये का हवाला दिया है। बढ़ी कीमतें आधी रात से लागू हो गई हैं। कांग्रेस और महंगाई का एक-दूसरे के प्रतिरूप है। कांग्रेस जब-जब सत्ता में आई है तब-तब महंगाई ने पिछले रिकार्डों को तोड़कर नए रिकार्ड कायम करने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी महंगाई और घोटाले का नए नए रिकॉर्ड प्रतिदीन इसलिए बना रही है की अब कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ बचा ही नहीं है वह जान रही है की अब जनता उसके बहकावे में कभी नहीं आने वाली है इसलिए कांग्रेस और अनैतिकता की हर हद दिन प्रतिदिन पार कर रही है/

एक आदमी बहुत परेसान अवस्था में अपने पुरोहित के पास गया और कहा पंडित जी कोई उपाय बताइए पंडित जी कहे की तुम्हारे ऊपर शनि रुष्ट है तुम सोने के घड़े में जल रख कर शनिवार के दिन दान करो सब ठीक हो जायेगा उसने कहा पंडित जी इतना धन मेरे पास नहीं है तब पंडित जी कहे की चाँदी का बर्तन लेलो उसने कहा पंडित जी मेरे पास इतना धन भी नहीं है कोई और उपाय बताइए पंडित जी क्रमश ताम्बा ,फूल,पीतल, अलमुनियम और अंत में पंडित जी कहे की मिटटी का घड़ा लेलो उसने कहा पंडित जी मेरे पास इतना धन भी नहीं है की हम मिटटी का घड़ा ले सके पंडित जी कहे जाओ जजमान अब तुम्हारा शनि देव कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते क्योंकि तुम्हारे पास कुछ है ही नहीं/

ठीक उसी आदमी की तरह अब कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ बचा ही नहीं है कुछ बेशरम मतदाता आज भी हैं जो कांग्रेस कुछ भी करे वोट उसी को देंगे लेकिन कांग्रेस पुनः अब सत्ता में नहीं लौट सकती है दुर्भाग्य से अगर लौट गयी तो जमीन के अन्दर खनीज सम्पदा बेच चुकी है आसमान में तरंगे बेच दी है और इस बार समुद्र पर्वत नदी तालाब वन सहित भारत को भी बेच देगी इसलिए या तो कांग्रेस को सुधरना होगा या तो जनता कांग्रेस को सुधारे...
कंपनियों का कहना है कि रुपये की कमजोरी के चलते उनको भारी घाटा हो रहा है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी लगातार उछाल देखा जा रहा है। रुपये की कमजोरी की वजह से कच्चा तेल आयात करना काफी महंगा पड़ रहा है। जिसके चलते पेट्रोल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इससे पहले 15 जून को पेट्रोल के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी रुपए की कमजोरी के चलते ही की गई थी। कंपनियां पीएनजी और सीएनजी के दाम पहले ही बढ़ा चुकी हैं।

1 जून को ही बढ़े थे पेट्रोल के दाम

सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत 0.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 0.5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाने का फैसला किया है। वहीं, बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर 45 रुपये सस्ता हुआ है। अब दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल के लिए 63.99 रुपये और डीजल के लिए 50.26 रुपये चुकाने होंगे। वहीं, मुंबई में पेट्रोल की कीमत 70.68 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 56.66 रुपये हो जाएगी। 3 महीनों में पहली बार पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए हैं। इंडियन ऑयल का कहना है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही कमजोरी की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला किया गया है। इंडियन ऑयल के मुताबिक कीमतें बढ़ाने के बाद भी डीजल पर 4.87 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा है। केरोसीन पर 27.75 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस पर 334.5 रुपये प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है।
वह भी एक दौर था, जब जेब में सौ के कुछ नोट होते थे और कई दिनों तक का गुजारा चल जाता था। यूं कहें तो जिंदगी शान से कटती थी। अभी कल की ही बात लगती है, जब सब्जियां, पेट्रोल व अन्य रोजमर्रे की जिंदगी से जुड़ी चीजों के दाम आम आदमी की पहुंच के अंदर थे। लेकिन विगत कुछ सालों में स्थिति एकदम उलट सी गई है। हर एक छोटी सी चीज के लिए भी लम्बी चैड़ी प्लैनिंग करनी पड़ती है। डर लगा रहता है कि व्यर्थ का खर्च पूरे महीने का बजट न बिगाड़ दे!
आखिर ऐसी स्थिति आई कैसे? जवाब है बेलगाम होती महंगाई। बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि पहले मुट्ठी भर पैसे लेकर लोग बाज़ार जाते और झोले भर कर सामान घर लाते थे। लेकिन अब स्थिति बिल्कुल बदल सी गई है। आलम यह है कि झोले भर कर पैसे हों तब जाकर कहीं मुट्ठी भर का सामान आ पाता है। कुल मिलाकर इस बढ़ती महंगाई ने आम आदमी को उसके सोंच में बदलाव लाने पर मजबूर कर दिया है। छोटी मोटी नौकरियां कर रहे लोगों के कई शौक तो अब महज सपने रह गए हैं। हर कदम पर लोगों को हालात से समझौता करना पड़ता है।

No comments:

Post a Comment