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Saturday, 29 June 2013

चीन की चाल है उत्तराखंड आपदा

 उत्तर प्रदेश में गोरखपुर सदर के सांसद और गोरखनाथ पीठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में आई तबाही को चीन की एक बड़ी साजिश करार देते हुए इसकी जांच करने की मांग की है। योगी उत्तराखंड में गोरखनाथ मंदिर और हिंदू युवा वाहिनी द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यो का निरीक्षण कर गोरखपुर लौटे हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि कि प्रथम दृष्टया यह एक प्राकृतिक आपदा थी, लेकिन इसके पीछे चीन की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता।
योगी ने वर्ष 1998-99 के दौरान हिमाचल प्रदेश में आई इसी तरह की तबाही का हवाला दते हुए कहा कि चीन इस तरह की हरकतें पहले भी कर चुका है। कोई आश्चर्य नहीं कि उसने केदारनाथ से ऊपर पहाड़ियों में प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ कर प्राकृतिक आपदा जैसे हालात पैदा कर दिए हों। वैसे भी केदारनाथ धाम से थोड़ी ऊंचाई पर वासुकी झील स्थित है, जहां कोई भी छेड़छाड़ होने से आपदा जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
योगी ने उत्तराखंड में हुए हादसे में मौतों की संख्या बढ़ने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा बरती गई कथित लापरवाही को जिम्मेदार करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को चार दिनों तक हादसे के बारे में पता ही नहीं चला और पता चला तो उसने तुरंत बचाव और राहत कार्य क्यों नहीं शुरू कराए? उत्तराखंड से लौटे योगी ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि सबसे ज्यादा इसी प्रदेश के लोग इस हादसे का शिकार हुए हैं, फिर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास समय नहीं है कि एक बार वहां जाकर राहत और बचाव कार्यो की निगरानी और समीक्षा करें। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के पास अपने लोगों के मृत होने या लापता होने का आंकड़ा ही नहीं है। इसी तरह उत्तराखंड सरकार दावा कर रही है कि उसने 99 हजार लोगों को बचाया है। यदि बचाया है तो सरकार उनकी सूची क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है?
सांसद ने सेना द्वारा किए जा रहे बचाव कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि अगर चार दिन बाद सेना नहीं लगती तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी। वार्ता के दौरान भाजपा सांसद ने कहा कि गोरखपुर और उसके आसपास यानी पूर्वाचल के जितने भी लोग हादसे के शिकार हुए हैं या लापता हुए हैं, उनकी सूची हिंदू युवा वाहिनी की ओर से तैयार की जा रही है। ऐसे श्रद्धालुओं के परिजन गोरखनाथ मंदिर में आकर उनका फोटो विवरण दे दें। गोरखनाथ मंदिर और हिंदू युवा वाहिनी के जो भी कार्यकर्ता उत्तराखंड में मौजूद हैं, वे उनके लापता परिजनों को ढूंढने की पूरी कोशिश करेंगे।

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