भारतीय वायुसेना ने बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए हेलीकाप्टर की मदद से अब तक का सबसे बड़ा बचाव अभियान चलाया है। वायुसेना के एक शीर्ष कमांडर ने आज यह बात कही। एयर कमोडोर राजेश इस्सर ने यहां कहा कि अभियान की वर्तमान रफ्तार को देखते हुए वायुसेना को लगता है कि सभी प्रभावितों को बाहर निकालने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। हालांकि, समय सीमा केवल अनुमानित है क्योंकि सब कुछ इन्द्र देवता पर निर्भर करता है। वायुसेना में टास्क फोर्स कमांडर का पद भी संभाल रहे इस्सर ने कहा कि वायुसेना ने इतिहास का सबसे बड़ा हेलीकाप्टर आधारित अभियान चलाया है। यहां करीब 30 हेलीकाप्टर दिन रात उड़ान भर रहे हैं। नतीजे धीमे हैं लेकिन मौसम की बेहतर स्थिति के साथ इसमें सुधार आएगा। सत्रह जून से यहां मौजूद इस्सर ने कहा कि उन्होंने इन उड़ानों के जरिये छह हजार से अधिक लोगों को निकाला है और यह आंकड़ा हर घंटे बढ़ रहा है। वायुसेना के हेलीकाप्टर बेड़े सहित अन्य सामग्री का जिम्मा संभाल रहे एयर कमोडोर ने कहा कि केदारनाथ घाटी में फंसे सभी लोगों को निकाला जा चुका है।
एयर कमोडोर इस्सर ने कहा कि खराब मौसम हमारे लिए संकट पैदा कर रहा है लेकिन हम फिर भी छोटे से बड़े विमानों की अदला बदली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फंसे सभी लोगों को निकालने में करीब एक सप्ताह का समय लग सकता है लेकिन यह मौसम पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि हवाई अभियानों में अब गौरीकुंड और हरशिल तथा अन्य स्थलों पर गौर किया जा रहा है जो अब तक अछूते थे। बल ने पहले से मौजूद 90 टुकड़ियों के अलावा आज प्रभावित क्षेत्रों में 50 और पैरा कमांडो तैनात किये। ये जवान बचाव अभियानों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण प्राप्त हैं। इस्सर ने कहा कि हम ऐसे स्थलों पर अपने हेलीकाप्टर उतार रहे हैं जहां लोगों को उपरी क्षेत्रों से लाया गया है और उम्मीद है कि खराब मौसम की चुनौती हमारे लिए ज्यादा संकट पैदा नहीं करेगी। ‘जौली ग्रांट एयरपोर्ट’ यहां एक ऐसा स्थान है जहां वायुसेना प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को लेकर आ रही है।
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