Translate

Friday, 16 August 2013

आजादी आजाद हुई



आजादी आजाद हुई रे परवाने,
आ जल्दी वो भाग रही है अनजाने।
आजादी में है रहना जोर लगाओ,
आबादी से है कहना शोर मचाओ।
पीछे-पीछे दौड़ लगाओ पकड़ो तो,
जो बांहों में ताकत हो तो जकड़ो तो।
जो ना दौड़े तो न बनेंगे अफसाने,
आ जल्दी वो भाग रही है अनजाने।।

वीरों ने था जो पकड़ा खून बहा था,
अत्याचारों को सबने खूब सहा था।
गोली खाई थी सबने लाल मरा था,
अंग्रेजों ने भारत से माल भरा था।
जंजीरों में कैद रही थी हतभागी,
जंजीरों से मुक्त हुई तो उड़ भागी।
गांधी जी से जीवन जीना सब जाने,
आ जल्दी वो भाग रही है अनजाने।।

नेताओं ने था ललकारा तब जागे,
अंग्रेजों ने भारत छोड़ा सब भागे।
वो आजादी भाग रही है सब जानो,
बर्बादी भी जाग रही है तुम जानो।
लोगों की है फूट रही किस्मत देखो,
राहों में ही लूट रही अस्मत देखो।
आजादों से जन्म रहे हैं मनमाने,
आ जल्दी वो भाग रही है अनजाने।।

नेता जो मासूम बना घूम रहा है,
जैचंदों से चांद दिखा चूम रहा है।
कानूनों को ढाल बना के मदमाता,
मासूमों सा हाल बता के शरमाता।
संदेशों को ना समङो तो रब जाने,
आ जल्दी वो भाग रही है अनजाने।।

No comments:

Post a Comment