दिल्ली विधान सभा चुनावो में अब तक आये नतीजो से साफ़ हो गया है कि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा जिससे किसी भी पार्टी कि सर्कार बनते आसार नहीं नज़र आ रहे। हलाकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप मैं उभर कर आयी है लेकिन उसके पास भी पूर्ण बहुमत नहीं है जिसका मुख्य कारण भारतीय जनता पार्टी द्वारा दिल्ली में पूर्वांचलियों कि अनदेखी रही। पूर्वी दिल्ली में जहा सबसे ज्यादा करीब ४०% पूर्वांचल वासी रहते है वहाँ बीजेपी कुछ खास नहीं कर पायी और गांधीनगर और लक्ष्मी नगर जैसी सीटे उनके हाथ से निकल गयी। ज्यादातर सीटों पर बीजेपी को हार मिली। बीजेपी दिल्ली के क्षेत्रीय समीकरण को समझने में नाकाम रही, जिसका फायदा आम आदमी पार्टी ने भरपूर उठाया। हलाकि फिर भी बीजेपी सबसे ज्यादा सीटे जीतने में कामयाब रही फिर भी सरकार बनाने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ेगी। दिल्ली मोदी का जादू चल गया और भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा सीटे जीतने मैं कामयाब हुई। लेकिन फिर भी सरकार बनाने के लिए उन्हें और सीटो कि जरुरत है। हालात चाहे जो भी हो लेकिन पूर्वांचलियों कि अनदेखी बीजेपी को बहुत भारी पड़ी है , जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पद सकता है।
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