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Friday, 6 December 2013

डा. हर्षवर्धन के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनाने का मन बना चुकी




दिल्ली में हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा रिकार्ड मतों से जीतकर सरकार बनाएगी। दिल्ली विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की लोक विरोधी लहर देखने को मिली है। चुनाव के सर्वे भी भाजपा के पक्ष में हुए हैं। दिल्ली की जनता कांग्रेस के कुशासन से दुखी होकर डा. हर्षवर्धन के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनाने का मन बना चुकी है।
इधर चुनाव खत्म हुए, उधर विभिन्न ओपीनियन पोल्स ने भाजपा को दिल्ली में पूर्ण बहुमत प्राप्त करते हुए दिखाया। ओपीनियन पोल्स से उत्साहित होकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर एक-दूसरे को बधाई देने शुरू भी कर दी।
उत्साहित हो कर भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हर्षवर्धन ने भी फेसबुक और ट्विटर से भाजपा कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। चुनाव के नतीजे आने में अभी दो दिन का समय है, लेकिन ओपीनियन पोल पर भरोसा कर भाजपा ने अपनी जीत पक्की समझ ली है। कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। ट्विटर पर भाजपा की जीत टॉप ट्रैंडिग टापिक्स में रही। जिस पर दिन भर लोगों ने ट्विट्स कर एक-दूसरे को जीत की बधाई दी। फेसबुक पर हर्षवर्धन के आफिशयल पेज पर उन्होंने आम जनता और भाजपा कार्याकर्ताओं को धन्यवाद दिया। वोटिंग के बाद से ही भाजपा कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस कार्यालय और कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई है।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद तमाम चैनलों में दिखाए गए एक्जिट पोल के मुताबिक,  दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान जताया गया है। साथ ही दिल्ली में पहली बार चुनाव में उतरी 'आप' पार्टी का भी प्रदर्शन काफी अच्छा बताया जा रहा है। इन राज्यों में भाजपा और कांग्रेस के बीच 4-0 की बाजी भाजपा के पक्ष में बताई जा रही है। दिल्ली में बुधवार को हुए विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने रिकॉर्ड तोड़ 67 फीसदी मतदान किया। दिल्ली में इससे पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में वोट नहीं डाले गए। इससे पहले सबसे ज्यादा वोटिंग का रिकॉर्ड 1993 का था और उस वक्त दिल्ली में 61 फीसदी वोट पड़े थे। दिल्ली में मतदान के दौरान वोटरों में ऐसा उत्साह देखने को मिला कि शाम 5 बजे के बाद भी करीब पौन दो लाख लोगों ने वोट डाला।

राज्यवार स्थिति इस प्रकार है -
राजस्थान : एक्जिट पोल बता रहा है कि राजस्थान में वोटरों ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपने मत का इस्तेमाल किया है। किसी दल को सत्ता में आने के लिए 100 से ज्यादा सीटों की दरकार होगी और ऐसे में भाजपा को 138 और कांग्रेस के हाथ में मात्र 44 सीटें जाने की संभावना जताई जा रही है।
मध्य प्रदेश : यहां पर माना जा रहा है कि भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीसरी बार सत्ता में आ रहे हैं। यहां पर सरकार बनाने के लिए 115 सीटों पर जीत जरूरी है और एक्जिट पोल के  मुताबिक भाजपा को 144 सीटें और कांग्रेस के हाथ 77 सीटें लग रही हैं।
दिल्ली : दिल्ली की गद्दी पर काबिज होने के लिए किसी दल को 35 सीटें चाहिए और यहां पर भाजपा को 34 सीटें मिलती दिखाई जा रही हैं। वहीं, कांग्रेस को 20 और आम आदमी पार्टी को 13 सीटें हासिल होने की संभावना जताई गई है।
छत्तीसगढ़ : इस राज्य में भी रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा को फिर सत्ता मिल सकती है। सत्ता में काबिज होने के लिए 45 सीटों की जरूरत होगी और एक्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा को 50 और कांग्रेस को 37 सीटें मिल सकती हैं।

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