चारो राज्यों के शुरुआती रुझानों मे भारतीय जनता पार्टी कि पक्की होती जीत को देख कर मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के पसीने छूट गए है। आलम ये हैं कि कांग्रेस का कोई बड़ा नेता टेलीविज़न पर आने से कतरा रहा है। ज्ञातव्य हो कि यही कांग्रेस के बड़े बड़े नेता कल तक न्यूज़ चैनलों पर अपनी जीत के फटे ढोल पीट रहे थे। लेकिन मतादन के बाद के बदले हालत के बाद जैसे उनकी जुबान ही सील गयी हो। अब जब कि भारतीय जनता पार्टी कि चारो राज्यों में सरकार बनना तय है तो महमोहन जी को और सोनिया जी को नैतिक आधार पर हार स्वीकार कर लेनी चाहिए।
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Friday, 6 December 2013
मनमोहन और सोनिया को पूर्वांचलियों को धोखा देना पड़ा भारी ----- "अध्यक्ष "पूर्वांचल विकास मोर्चा
चारो राज्यों के शुरुआती रुझानों मे भारतीय जनता पार्टी कि पक्की होती जीत को देख कर मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के पसीने छूट गए है। आलम ये हैं कि कांग्रेस का कोई बड़ा नेता टेलीविज़न पर आने से कतरा रहा है। ज्ञातव्य हो कि यही कांग्रेस के बड़े बड़े नेता कल तक न्यूज़ चैनलों पर अपनी जीत के फटे ढोल पीट रहे थे। लेकिन मतादन के बाद के बदले हालत के बाद जैसे उनकी जुबान ही सील गयी हो। अब जब कि भारतीय जनता पार्टी कि चारो राज्यों में सरकार बनना तय है तो महमोहन जी को और सोनिया जी को नैतिक आधार पर हार स्वीकार कर लेनी चाहिए।
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