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Saturday, 17 May 2014

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आखिर बिहार की गद्दी छोड़नी ही पड़ी..

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आखिर बिहार की गद्दी छोड़नी ही पड़ी..



इस 2014 लोकसभा चुनाव मे देश की जनता ने न केवल नरेन्द्र मोदी जी को भरी मतों से जिताया बल्कि उन सभी राजनेताओ और राजनैतिक पार्टियो को सबक सिखाया है जो जातिवाद एवम सांप्रदायिकता की राजनीति के बल बूते देश की भोली-भली जनता को पिछले कई सालो से बेवकूफ बनाते आ रहे थे और अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकते जा रहे थे.



और साथ साथ देश को खोकला करते जा रहे थे, पर इस बार देश की और पूर्वांचल की जनता ने एक ज़ोरदार तमाचा मारा है उन सभी राजनेताओ और राजनैतिक पार्टियो को जो ये सोच रहे थे की वो इस बार भी देश की जनता को बेवकूफ बना देगे.



पर इस बार देश की जनता जाग गयी और एकजुट होकर देश की शान और विकास वापिस लाने के लिये बीजेपी व मोदी जी को वोट दिया.



नीतीश कुमार भी अब ये अच्छी तरह समझ गये की अब उन की यह जातिवाद एवम सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं चलने वाली और इस्तीफा देने मे ही उन्होंने अपनी भलही समझी.

राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्वांचल विकास मोर्चा "अजीत पाण्डेय जी"

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