भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था और उस समय भी सरकार थी कांग्रेस की,डॉ लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है। हमारा संदेश यह है कि आज भारत संकट में है। इटली से निकलकर इंगलैंड के होटल में नौकरानी के रुप में काम करते करते आज एक महिला भारत की सबसे शकितशाली महिला बन गयी है। भारत माता अपने सपूतों को जागने के लिए पुकार रही है। उसकी असिमता खतरे में है। अगर हम अभी नही जागे तो शायद हमें जागने का मौका ही न मिले। इसलिए प्रस्तावना के द्वारा लोगों का समय बरबाद न करते हुए मै लोगों से अपील करता हूं कि वे इस किताब को पढ़ें व भारत माता के सामने आये संकट को पहचान कर उसके अनुरुप कार्य करें। भारत का अब घोटालों के नये युग में पदापण होगा। रही बात इनके राजनैतिक उत्तराधिकारी राहुल गांधी की तो इनसे बहुत उम्मीद करना बेकार है। यह भी अपने पिता की तरह हवाइ लफाजी से काम चलाते रहेगा। नाटक नौटंकी एवं अपनी अदाओं से जनता को लुभाने का पयास करते रहेगा। भारत की औपनिवेशिक शासन को पसंद करने वाली जनता इन राजा महाराजाओं की हरकतों का आनंद उठाते रहेगी। कभी चुनाव जीतेंगे तो सेहरा राहुल फैक्टर को जाएगा, जब हारेंगे तो क्षेत्रिय नेता उसके लिए जिम्मेदार होंगे। भारत आगामी कुछ वषों तक भृष्टाचार की मंडी बना रहेगा। 2005 में भारत में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल नामक एक संस्था द्वारा किये गये एक अध्ययन में पाया गया कि 62% से अधिक भारतवासियों को सरकारी कार्यालयों में अपना काम करवाने के लिये रिश्वत या ऊँचे दर्ज़े के प्रभाव का प्रयोग करना पड़ा। वर्ष 2008 में पेश की गयी इसी संस्था की रिपोर्ट ने बताया है कि भारत में लगभग 20 करोड़ की रिश्वत अलग-अलग लोकसेवकों को (जिसमें न्यायिक सेवा के लोग भी शामिल हैं) दी जाती है। उन्हीं का यह निष्कर्ष है कि भारत में पुलिस और कर एकत्र करने वाले विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। आज यह कटु सत्य है कि किसी भी शहर के नगर निगम में रिश्वत दिये बगैर कोई मकान बनाने की अनुमति नहीं मिलती। इसी प्रकार सामान्य व्यक्ति भी यह मानकर चलता है कि किसी भी सरकारी महकमे में पैसा दिये बगैर गाड़ी नहीं चलती।आइये देखे सोनिया गांधी के कार्याकाल में हुआ कुछ विशेष घोटाले
कोयला आबंटन घोटाला (Coal Mining Scam) भारत में राजनैतिक भ्रष्टाचार का एक नया मामला है जिसमें नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि देश के कोयला भण्डार मनमाने तरीके से निजी एवं सरकारी आबंटित कर दिये गये जिससे सन् २००४ से २००९ के बीच
कॉमनेवैल्थ खेल घोटाला
दिल्ली कॉमनेवैल्थ खेल 2010 शांतिपूर्वक सम्पन्न तो हो गया परंतु घोटालों की काली छाई इस पर भी मंडराती रही. निर्माण कार्यों में अवांछित देरी और अनाप शनाप खर्चों ने भारतीय ऑलम्पिक संघ, दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर निगम सहित केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भी कठघरे में खडा किया. कभी 2000 करोड के बजट वाले इस खेल आयोजन के पीछे 60000 करोड से अधिक खर्च कर दिए गए. अब सीबीआई इस घोटाले की जाँच कर रही है.
कारगिल के शहीदों के परिवारवालों के लिए बनी इस सोसाइटी पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं, बाबुओं और सेना के ऊपरी अधिकारियों ने कब्जा कर लिया. स्वयं मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण इस घोटाले में फंस गए और उन्हें इस्तीफा देना पडा. यह सोसाइटी मुम्बई के एक सबसे महंगे इलाके में बनी है. यह इमारत कई अन्य विवादों में भी फंसी है. आरोप है कि बिल्डर ने पर्यावरण संबंधित तथा जमीन संबंधित कानूनों पर ध्यान नहीं दिया.
यही नहीं इसके अलावा चाहे रोबर्ट वाड्रा का जमीनघोटाला हो २ जी घोटाला हो या इसके अलावा भी कई घोटालों मैं सोनिए गांधी न नाम सामने आया है। अभी हाल ही मैं हुए इटली कि कंपनी से हुए हेलीकाप्टर घोटाले मैं भी सोनिए के एक करीब के रिश्तेदार का नाम आने से सनसनी फ़ैल गयी है। जाहिर है कि प्रधानमंर्ती मनमोहन सिंह बिना सोनिए मैडम कि अनुमति के कोई कार्य नहीं करते तथा सोनिए गांधी अपने और अपने परिवार वालों को लाभ पहुचने के लिए लगातार घोटालों पर घोटाले किये चली जा रही हैं।
अब जबकि मोदी जी का प्रधानमंत्री बनाने कि उम्मीद बढ़ती जा रही है , मैडम सोनिए कि बैचेनी भी बढ़ती चली जा रही है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आगे होने वाली जांच से घबरायी मैडम सोनिआ जी हर तरह के पैतरे अपना रही हैं। इसी कड़ी मैं लोकसभा चुनावों मैं अपनी करारी हार को सच जान कर हो सकता है मैडम सोनिआ इटली वापस चली जाये जिससे कि वो जांच से बच सके। और राहुल बाबा भी उनके साथ राजनीती से संन्यास लेकर अपनी माँ के साथ ही इटली चले जाये। हालत चाहे जो भी हो लेकिन सोनिए और राहुल के पापों का प्रायश्चित तो उन्हें करना ही होगा।
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