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Tuesday, 25 February 2014

सावधान! तानाशाह हो गया है देश के गृह मंत्री

सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि अगर कोई इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कांग्रेस के ख‍िलाफ अभियान चलायेगा तो मैं उसको कुचल कर रख दूंगा।  जब मीडिया ने विरोध किया, तो शिंदे पलट गये और बोले मैं तो सोशल मीडिया की बात कर रहा था।
.यानी यदि आपने कांग्रेस के ख‍िलाफ ट्वीट या फेसबुक पोस्ट किये और पुलिस की नजर पड़ गई तो आपका हाल पलघर की रहने वाली शाहीन ढाडा और उसकी दोस्त रेनू श्रीनिवासन के जैसा होगा। और अगर हवालात में शिंदे आपसे मिलने पहुंच गये, तो हो सकता है वो आपको कुचल भी दें।

यह हम नहीं श‍िंदे का बयान कह रहा है, जो उन्होंने मीडिया नहीं सोशल मीडिया पर दिया है। सच पूछिए तो यह बयान हास्यास्पद है, क्योंकि अगर शिंदे को वाकई में सोशल मीडिया में कांग्रेस के विरोध‍ियों को कुचलना है तो उसके लिये उन्हें देश के 9.3 करोड़ फेसबुक यूजर्स और 3.3 करोड़ ट्व‍िटर यूजर्स पर नजर रखनी होगी, क्योंकि पता नहीं कब कौन कहां कांग्रेस के ख‍िलाफ टिप्पणी कर दे।

वैसे श‍िंदे को इतने बड़ा जूता भी बनवाना पड़ेगा, जिससे इतनी बड़ी संख्या में लोगों को कुचला जा सके। खैर मामले को अगर गंभीरता से लिया जाये तो देश के गृह मंत्री ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1A) के ख‍िलाफ जाकर बयान दिया है जो देश के नागरिकों को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।

यही कारण है कि तमाम चैनलों ने श‍िंदे के बयान को तालिबानी करार दिया। सोशल मीडिया पर तानाशाह हुए देश के गृह मंत्री सोशल मीडिया में कांग्रेस के ख‍िलाफ लगातार हो रहे पोस्ट ने गृहमंत्री की चिंता बढ़ा दी, लेकिन सवाल यह उठता है कि यह चिंता तब कहां थी, जब बैंगलोर में वायरल हुए ट्व‍िटर और एफबी पोस्ट की वजह से नॉर्थ-ईस्ट के हजारों लोगों ने शहर छोड़ दिया था।

मुजफ्फरनगर में दंगे की आग और भड़कने का कारण भी सोशल मीडिया था, लेकिन तब गृह मंत्री को कोई असर नहीं पड़ा। वैसे कुल मिलाकर देखा जाये तो श‍िंदे का यह गुबार फूटने का मुख्य कारण लोकसभा चुनाव का करीब आना है। जैसे-जैसे ओप‍ीनियन पोल्स में कांग्रेस का ग्राफ नीचे जा रहा है, शिंदे समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं की हार्ट बीट बढ़ती जा रही है।

इस पर पूर्वांचल विकास मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अजित कुमार पाण्डेय का कहना है कि इस बयान से साफ है कि देश के गृहमंत्री राजतंत्र पर चल रहे हैं, जबकि देश लोकतंत्र पर चलता है। इसके अलावा सविधान के अनुच्छेद 19 के तहत ही कहा गया है कि सरकार में किसी भी पद पर तैनात व्यक्त ऐसी कोई बात सार्वजनिक रूप से नहीं कह सकता जिससे सरकार का तानाशाह रवैया झलके।

Saturday, 22 February 2014

क्यों राहुल गाँधी किसी भारतीय लड़की से शादी नहीं करना चाहते?

देश के ना हो सकने वाले भावी प्रधानमन्त्री मोस्‍ट एलिजेबल बैचलर राहुल गांधी अब तक कुंवारे हैं. क्या अफगानिस्तान की राजकुमारी राहुल गांधी के दिल के करीब है? राहुल गाँधी अब 43 साल के है लेकिन शादी को लेकर वे अभी तक गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं, ऐसे में ये खबर चौंकाने वाली है कि उन्‍हें प्यार हो गया है.

'द संडे गार्जियन' में छपी रिपोर्ट पर भरोसा करें तो ऐसा ही है. इस रिपोर्ट में राहुल गांधी का नाम अफगानिस्तान के पूर्व शासक मोहम्मद जहीर शाह की पोती से जोड़ा गया है. लेकिन रिपोर्ट में अफगानी राजकुमारी का नाम नहीं दिया गया है. यहां सवाल उठता है कि अगर यह खबर सही है तो क्या राहुल गांधी वेरोनिका को भूल गए?

विदित हो कि स्पैनिश मूल की वेरोनिकाके साथ राहुल का नाम पहले से जुड़ता रहा है. 1999 के विश्व कप के दौरान दोनों की तस्वीरें सामने आई थीं, जिसके बाद दोनों के 'करीबी' रिश्तों को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं...


साप्ताहिक अखबार 'द संडे गार्जियन' ने यह दावा भी किया है कि अफगानी राजकुमारी ने धर्म परिवर्तन करते हुए ईसाई धर्म भी स्वीकार कर लिया है. इस अखबार के अनुसार यह जोड़ा रविवार को सोनिया गांधी के आवास पर आयोजित होने वाली प्रार्थना सभा होम चैपल में भी साथ-साथ हिस्सा ले चुका है.

रिपोर्ट के मुताबिक, "राहुल गांधी और अफगानी राजकुमारी को दिल्ली के अमन होटल में साथ-साथ देखा जा सकता है. दोनों इस होटल में अक्सर आते हैं. राहुल गांधी होटल के फिटनेस सेंटर में काफी वक्त बिताते हैं।"

उल्लेखनीय है कि अफगानी राजकुमारी के दादा जहीर शाह ने 1933 से लेकर चार दशकों तक अफगानिस्तान पर राज किया. 1973 में उनके ही चचेरे भाई मोहम्मद दाऊद खान ने उनका तख्तापलट कर दिया. इसके बाद जहीर शाह इटली चले गए और वहां निर्वासित जीवन जीने लगे. लेकिन 2002 में वे फिर अफगानिस्तान लौटे और उन्हें फादर ऑफ नेशन का खिताब दिया गया. 2007 में 93 साल की उम्र में जहीर शाह का निधन हुआ.

इस खबर के आने के बाद कई विदेशी अखबारों और वेबसाइटों ने द संडे गार्जियन के हवाले से इस खबर को प्रमुखता से जगह दी है. इनमें 'जकार्ता पोस्ट' जैसी वेबसाइटें शामिल हैं. सोशल वेबसाइटों पर भी राहुल और राजकुमारी के कथित रिश्ते को लेकर हलचल है. ट्विटर पर कई लोग इस खबर को लेकर दंग हैं तो कई सवाल भी पूछ रहे हैं.
-इन बातो को अगर सही माना जाये तो , कुछ सवाल निर्माण होते है सभी के मन में की,राहुल को किसी भारतीय लड़की से क्यों प्यार नहीं हुआ ?अगर नहीं हुआ तो क्या कारन हो सकते है ?राहुल को किसी विदेशी मूल के और ईसाई लड़की से प्यार है तो क्या राहुल धर्म देखकर तो प्यार नहीं करते ?

राहुल का नाम अब तक किसी भारतीय लड़की से जोड़ा नहीं गया बल्कि उसका नाम स्पेनिश और अफगानी लड़की से ही जोड़ा जा रहा है ?क्या राहुल विदेशी राष्ट्रों के ,ईसाई धर्म संस्थाओ के षड़यंत्र में तो शामिल नहीं ?

.............. अगर ये सच है की राहुल किसी विदेशी लड़की से शादी रचाना चाहते है तो ,हम भारतीय कैसे मान सकते है की राहुल को भारतीय संस्कृति से लगाव है ?हम कैसे माने की राहुल हम भारतीयों से जुड़ा रहना चाहते है ?हम कैसे माने की राहुल भारतीयों के प्रति वफादार रहेंगे ?

हम कैसे माने की राहुल विदेशियों के इशारो पर नहीं चलेंगे जोकि उसकी माँ सोनिया पर विदेशी इशारो पर चलने के आरोप है ?हम कैसे माने की राहुल भारतीय प्रधानमंत्री बनने के लायक है ?.



Friday, 21 February 2014

वेरोनिका आखिर राहुल कि हैं कौन ---- अजित कुमार पाण्डेय, राष्ट्रीय अध्यक्ष , पूर्वांचल विकास मोर्चा


नेहरु गांधी परिवार का शुरू से ही काफी गुप्त रहा है और काफी बार अवैध सम्बन्धों के कारन चर्चा में रहा है।  नेहरु पर तो माउंटबेटन कि पत्नी से अवैध सम्बन्ध होने का आरोप तो खुद माउंटबेटन कि पत्नी कि पोती लगा चुकी हैं। यही नहीं इंदिरा गांधी और फ़िरोज़ गांधी का सम्बन्ध भी काफी विवादों मैं  रहा था।  और फिर अचानक से फ़िरोज़ गांधी के गायब हो जेन पर यह और भी बड़ गया।  यही नहीं राजीव और सोनिआ गांधी का भी सम्बन्ध काफी विवादों मैं रहा था और अभी भी इस पर काफी सवाल उठते रहते हैं।  सोनिआ गांधी के राजीव से मिलने से पहले के इतिहास पर कई प्रश्न हैं जिनक कोई भी  उपयुक्त जवाब नहीं मिलता।
अब उसी राह पर राहुल भी निकल पड़े हैं।  राहुल वैसे तो अपने आप को काफी कम उम्र का मानते हैं और शादी के सवाल को यह कह कर टाल देते हैं कि उनके पास अभी इन बातो के लिए समय नहीं है।  लेकिन उनको अक्सर वेरोनिका नाम कि महिला के साथ देखा जा सकता है।  हलाकि राहुल जब विदेश में होते हैं तभी उनसे मिलते और भारत मैं इस बात को छुपाते हैं।  राहुल हमेशा वेरोनिका के साथ सम्बन्ध होने कि बात टाल देते हैं और उन्हें सिर्फ अपना एक अच्छा दोस्त बताते हैं।
वेरोनिका के बारे मैं भी सोनिआ कि तरह ही कई तरह के तर्क दिए जाते हैं कि वो कोलंबिया के एक माफिया कि पुत्री हैं। अगर राहुल गांधी और वेरोनिका के बीच मैं सम्बन्ध है तो वह इसे खुल कर स्वीकार क्यों नहीं करते।  या इस बात से डरते हैं कि अगर अभी उन्होंने वेरोनिका से अपने सम्बन्धों पर खुल कर हामी भरी तो इससे उनकी छवि पर असर पड़ेगा कि आखिर क्या उन्हें भारत मैं योग्य लड़की नहीं मिली।
जो भी हो नेहरु गांधी परिवार शुरू से ही गांधी के नाम को भुनाता रहा है , और इसके लिए अपना उपनाम गांधी रखता रहा है है क्योंकि ये उनकी राजनैतिक मजबूरी है और उनको अच्छी तरह पता है कि इसके बिना उनका कोई वजूद नहीं है।  इस कारन वो अपने निजी सम्बन्धो को काफी ख़ुफ़िया रहते हैं और इसके बारे में बात करने से कतराते हैं। 

Thursday, 20 February 2014

डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में भाजपा दिल्ली की सभी लोकसभा सीटें जीतेगी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ हर्षवर्धन को एक बार फिर दिल्ली बीजेपी की कमान सौंपी गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने विजय गोयल का इस्तीफा स्वीकार करते हुए डॉ़ हर्षवर्धन को प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया।

हर्षवर्धन को दिल्ली इकाई का अध्यक्ष नियुक्त होने पर पूर्वांचल विकास मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत कुमार पाण्डेय ने उन्हें बधाई देते हुए आशा ब्यक्त किया है कि उनके नेतृत्व में पार्टी दिल्ली में लोकसभा की सभी सातों सीटें जीतकर नरेंद्र मोदी को मजबूत बनाएंगी।


अजीत कुमार पाण्डेय ने कहा कि बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पॉजिटिव विजन को घर घर ले जाने के लिए पूरी तैयारी डॉ हर्षवर्धन के नेतृत्व में बहुत कारगार होगी।

डॉ हर्षवर्धन चौथी बार बने है बीजेपी अध्यक्ष

1- दिसंबर, 2003 से 2004 तक
2- 2004 से 2007 तक
3- 2007 से 2009 तक
4- फरवरी 2014 से....

Saturday, 15 February 2014

सोनिआ चली मायके, राहुल चले ननिहाल -- पूर्वांचल विकास मोर्चा



भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था और उस समय भी सरकार थी कांग्रेस की,डॉ लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है। हमारा संदेश यह है कि आज भारत संकट में है। इटली से निकलकर इंगलैंड के होटल में नौकरानी के रुप में काम करते करते आज एक महिला भारत की सबसे शकितशाली महिला बन गयी है। भारत माता अपने सपूतों को जागने के लिए पुकार रही है। उसकी असिमता खतरे में है। अगर हम अभी नही जागे तो शायद हमें जागने का मौका ही न मिले। इसलिए प्रस्तावना के द्वारा लोगों का समय बरबाद न करते हुए मै लोगों से अपील करता हूं कि वे इस किताब को पढ़ें व भारत माता के सामने आये संकट को पहचान कर उसके अनुरुप कार्य करें। भारत का अब घोटालों के नये युग में पदापण होगा। रही बात इनके राजनैतिक उत्तराधिकारी राहुल गांधी की तो इनसे बहुत उम्मीद करना बेकार है। यह भी अपने पिता की तरह हवाइ लफाजी से काम चलाते रहेगा। नाटक नौटंकी एवं अपनी अदाओं से जनता को लुभाने का पयास करते रहेगा। भारत की औपनिवेशिक शासन को पसंद करने वाली जनता इन राजा महाराजाओं की हरकतों का आनंद उठाते रहेगी। कभी चुनाव जीतेंगे तो सेहरा राहुल फैक्टर को जाएगा, जब हारेंगे तो क्षेत्रिय नेता उसके लिए जिम्मेदार होंगे। भारत आगामी कुछ वषों तक भृष्टाचार की मंडी बना रहेगा। 2005 में भारत में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल नामक एक संस्था द्वारा किये गये एक अध्ययन में पाया गया कि 62% से अधिक भारतवासियों को सरकारी कार्यालयों में अपना काम करवाने के लिये रिश्वत या ऊँचे दर्ज़े के प्रभाव का प्रयोग करना पड़ा। वर्ष 2008 में पेश की गयी इसी संस्था की रिपोर्ट ने बताया है कि भारत में लगभग 20 करोड़ की रिश्वत अलग-अलग लोकसेवकों को (जिसमें न्यायिक सेवा के लोग भी शामिल हैं) दी जाती है। उन्हीं का यह निष्कर्ष है कि भारत में पुलिस और कर एकत्र करने वाले विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। आज यह कटु सत्य है कि किसी भी शहर के नगर निगम में रिश्वत दिये बगैर कोई मकान बनाने की अनुमति नहीं मिलती। इसी प्रकार सामान्य व्यक्ति भी यह मानकर चलता है कि किसी भी सरकारी महकमे में पैसा दिये बगैर गाड़ी नहीं चलती।आइये देखे सोनिया गांधी के कार्याकाल में हुआ कुछ विशेष घोटाले

कोयला आबंटन घोटाला (Coal Mining Scam) भारत में राजनैतिक भ्रष्टाचार का एक नया मामला है जिसमें नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैगने भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि देश के कोयला भण्डार मनमाने तरीके से निजी एवं सरकारी आबंटित कर दिये गये जिससे सन् २००४ से २००९ के बीच  10,67,000 करोड़ (US$219.8 बिलियन) की हानि हुई। संसद में पेश कैग रिपोर्ट में जुलाई 2004 से अब तक हुए 142 कोयला ब्लाक आवंटन से 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि 2004 से 2009 के बीच कोयला खदानों के ठेके देने में अनियमिताएं बरती गईंबेहद सस्ती कीमतों पर बगैर नीलामी के खदानों से कोयला निकालने के ठेके निजी कंपनियों को दिए गएइससे सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ हैभारत के लोकतान्त्रिक काल में पहली बार हुआ है कि किसी मामले में देश के प्रधानमंत्री पर ऊँगली उठाई गयी होभाजपा कोल ब्लॉक आवंटन मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रही है।



कॉमनेवैल्थ खेल घोटाला
दिल्ली कॉमनेवैल्थ खेल 2010 शांतिपूर्वक सम्पन्न तो हो गया परंतु घोटालों की काली छाई इस पर भी मंडराती रहीनिर्माण कार्यों में अवांछित देरी और अनाप शनाप खर्चों ने भारतीय ऑलम्पिक संघदिल्ली सरकारदिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर निगम सहित केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भी ठघरे में खडा कियाकभी 2000 करोड के बजट वाले इस खेल आयोजन के पीछे 60000 करोड से अधिक खर्च कर दिए गएअब सीबीआई इस घोटाले की जाँच कर रही है. 
आदर्श सोसाइटी घोटाला - 

कारगिल के शहीदों के परिवारवालों के लिए बनी इस सोसाइटी पर कांग्रेस पार्टी के नेताओंबाबुओं और सेना के ऊपरी अधिकारियों ने कब्जा कर लियास्वयं मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण इस घोटाले में फंस गए और उन्हें इस्तीफा देना पडायह सोसाइटी मुम्बई के एक सबसे महंगे इलाके में बनी हैयह इमारत कई अन्य विवादों में भी फंसी हैआरोप है कि बिल्डर ने पर्यावरण संबंधित तथा जमीन संबंधित कानूनों पर ध्यान नहीं दिया.



यही नहीं इसके अलावा चाहे रोबर्ट वाड्रा का जमीनघोटाला हो २ जी घोटाला हो या इसके अलावा भी कई घोटालों मैं सोनिए गांधी न नाम सामने आया है।  अभी हाल ही मैं हुए इटली कि कंपनी से हुए हेलीकाप्टर घोटाले मैं भी सोनिए के एक करीब के रिश्तेदार का नाम आने से सनसनी फ़ैल गयी है।  जाहिर है कि प्रधानमंर्ती मनमोहन सिंह बिना सोनिए मैडम कि अनुमति के कोई कार्य नहीं करते तथा सोनिए गांधी अपने और अपने परिवार वालों को लाभ पहुचने के लिए लगातार घोटालों पर घोटाले किये चली जा रही हैं।
अब जबकि मोदी जी का प्रधानमंत्री बनाने कि उम्मीद बढ़ती जा रही है , मैडम सोनिए कि बैचेनी भी बढ़ती चली जा रही है।  मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आगे होने वाली जांच से घबरायी मैडम सोनिआ जी हर तरह के पैतरे अपना रही हैं।  इसी कड़ी मैं लोकसभा चुनावों मैं अपनी करारी हार को सच जान कर हो सकता है मैडम सोनिआ इटली वापस चली जाये जिससे कि वो जांच से बच सके।  और राहुल बाबा भी उनके साथ राजनीती से संन्यास लेकर अपनी माँ के साथ ही इटली चले जाये। हालत चाहे जो भी हो लेकिन सोनिए और राहुल के पापों का प्रायश्चित तो उन्हें करना ही होगा।

Wednesday, 12 February 2014

सोनिया चली ससुराल राहुल चले मामा के घर - अजित कुमार पाण्डेय




भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था और उस समय भी सरकार थी कांग्रेस की,डॉ लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है। हमारा संदेश यह है कि आज भारत संकट में है। इटली से निकलकर इंगलैंड के होटल में नौकरानी के रुप में काम करते करते आज एक महिला भारत की सबसे शकितशाली महिला बन गयी है। भारत माता अपने सपूतों को जागने के लिए पुकार रही है। उसकी असिमता खतरे में है। अगर हम अभी नही जागे तो शायद हमें जागने का मौका ही न मिले। इसलिए प्रस्तावना के द्वारा लोगों का समय बरबाद न करते हुए मै लोगों से अपील करता हूं कि वे इस किताब को पढ़ें व भारत माता के सामने आये संकट को पहचान कर उसके अनुरुप कार्य करें। भारत का अब घोटालों के नये युग में पदापण होगा। रही बात इनके राजनैतिक उत्तराधिकारी राहुल गांधी की तो इनसे बहुत उम्मीद करना बेकार है। यह भी अपने पिता की तरह हवाइ लफाजी से काम चलाते रहेगा। नाटक नौटंकी एवं अपनी अदाओं से जनता को लुभाने का पयास करते रहेगा। भारत की औपनिवेशिक शासन को पसंद करने वाली जनता इन राजा महाराजाओं की हरकतों का आनंद उठाते रहेगी। कभी चुनाव जीतेंगे तो सेहरा राहुल फैक्टर को जाएगा, जब हारेंगे तो क्षेत्रिय नेता उसके लिए जिम्मेदार होंगे। भारत आगामी कुछ वषों तक भृष्टाचार की मंडी बना रहेगा। 2005 में भारत में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल नामक एक संस्था द्वारा किये गये एक अध्ययन में पाया गया कि 62% से अधिक भारतवासियों को सरकारी कार्यालयों में अपना काम करवाने के लिये रिश्वत या ऊँचे दर्ज़े के प्रभाव का प्रयोग करना पड़ा। वर्ष 2008 में पेश की गयी इसी संस्था की रिपोर्ट ने बताया है कि भारत में लगभग 20 करोड़ की रिश्वत अलग-अलग लोकसेवकों को (जिसमें न्यायिक सेवा के लोग भी शामिल हैं) दी जाती है। उन्हीं का यह निष्कर्ष है कि भारत में पुलिस और कर एकत्र करने वाले विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। आज यह कटु सत्य है कि किसी भी शहर के नगर निगम में रिश्वत दिये बगैर कोई मकान बनाने की अनुमति नहीं मिलती। इसी प्रकार सामान्य व्यक्ति भी यह मानकर चलता है कि किसी भी सरकारी महकमे में पैसा दिये बगैर गाड़ी नहीं चलती।आइये देखे सोनिया गांधी के कार्याकाल में हुआ कुछ विशेष घोटाले

कोयला आबंटन घोटाला (Coal Mining Scam) भारत में राजनैतिक भ्रष्टाचार का एक नया मामला है जिसमें नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि देश के कोयला भण्डार मनमाने तरीके से निजी एवं सरकारी आबंटित कर दिये गये जिससे सन् २००४ से २००९ के बीच  10,67,000 करोड़ (US$219.8 बिलियन) की हानि हुई। संसद में पेश कैग रिपोर्ट में जुलाई 2004 से अब तक हुए 142 कोयला ब्लाक आवंटन से 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि 2004 से 2009 के बीच कोयला खदानों के ठेके देने में अनियमिताएं बरती गईं. बेहद सस्ती कीमतों पर बगैर नीलामी के खदानों से कोयला निकालने के ठेके निजी कंपनियों को दिए गए. इससे सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है. भारत के लोकतान्त्रिक काल में पहली बार हुआ है कि किसी मामले में देश के प्रधानमंत्री पर ऊँगली उठाई गयी हो. भाजपा कोल ब्लॉक आवंटन मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रही है।

कॉमनेवैल्थ खेल घोटाला
दिल्ली कॉमनेवैल्थ खेल 2010 शांतिपूर्वक सम्पन्न तो हो गया परंतु घोटालों की काली छाई इस पर भी मंडराती रही. निर्माण कार्यों में अवांछित देरी और अनाप शनाप खर्चों ने भारतीय ऑलम्पिक संघ, दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर निगम सहित केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भी ठघरे में खडा किया. कभी 2000 करोड के बजट वाले इस खेल आयोजन के पीछे 60000 करोड से अधिक खर्च कर दिए गए. अब सीबीआई इस घोटाले की जाँच कर रही है. 
आदर्श सोसाइटी घोटाला - 

कारगिल के शहीदों के परिवारवालों के लिए बनी इस सोसाइटी पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं, बाबुओं और सेना के ऊपरी अधिकारियों ने कब्जा कर लिया. स्वयं मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण इस घोटाले में फंस गए और उन्हें इस्तीफा देना पडा. यह सोसाइटी मुम्बई के एक सबसे महंगे इलाके में बनी है. यह इमारत कई अन्य विवादों में भी फंसी है. आरोप है कि बिल्डर ने पर्यावरण संबंधित तथा जमीन संबंधित कानूनों पर ध्यान नहीं दिया.

यही नहीं इसके अलावा चाहे रोबर्ट वाड्रा का जमीनघोटाला हो २ जी घोटाला हो या इसके अलावा भी कई घोटालों मैं सोनिए गांधी न नाम सामने आया है।  अभी हाल ही मैं हुए इटली कि कंपनी से हुए हेलीकाप्टर घोटाले मैं भी सोनिए के एक करीब के रिश्तेदार का नाम आने से सनसनी फ़ैल गयी है।  जाहिर है कि प्रधानमंर्ती मनमोहन सिंह बिना सोनिए मैडम कि अनुमति के कोई कार्य नहीं करते तथा सोनिए गांधी अपने और अपने परिवार वालों को लाभ पहुचने के लिए लगातार घोटालों पर घोटाले किये चली जा रही हैं। 
अब जबकि मोदी जी का प्रधानमंत्री बनाने कि उम्मीद बढ़ती जा रही है , मैडम सोनिए कि बैचेनी भी बढ़ती चली जा रही है।  मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आगे होने वाली जांच से घबरायी मैडम सोनिआ जी हर तरह के पैतरे अपना रही हैं।  इसी कड़ी मैं लोकसभा चुनावों मैं अपनी करारी हार को सच जान कर हो सकता है मैडम सोनिआ इटली वापस चली जाये जिससे कि वो जांच से बच सके।  और राहुल बाबा भी उनके साथ राजनीती से संन्यास लेकर अपनी माँ के साथ ही इटली चले जाये। हालत चाहे जो भी हो लेकिन सोनिए और राहुल के पापों का प्रायश्चित तो उन्हें करना ही होगा।