विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को एक रैली मैं नपुंसक करार दे दिया। जिसके बाद भाजपा द्वारा इस बयान का का काफी विरोध हुआ, फिर भी सलमान खुर्शीद अपने बयान पर आड़े हुए हैं। कांग्रेस ने इसे खुर्शीद का निजी बयान देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। अब सवाल यह उठता है कि सलमान किस आधार पर इस तरह का बयान दे रहे हैं , अपनी सफाई मैं उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रशासनिक आधार पर नपुंसक होने कि बात कही थी। लेकिन सच तो यह है कि सलमान खुर्शीद अपनी रैली मैं कांग्रेस कि वही पुरानी घिसी पिटी साप्रदायिकता कि नीती अपना कर संप्रदाय विशेष के मन मैं मोदी के खिलाफ जहर बोने कि कोशिश कर रहे थे।
यह पहला मौका नहीं है जब सलमान खुर्शीद ने इस तरह के बेहूदे बयां दिए हो बल्कि हाल ही मैं उन्होंने ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ भी इसी तरह का बयान दिया था जब आम आदमी पार्टी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने केजरीवाल को gutterspine कहा था और आम आदमी पार्टी को भारत कि एक सबसे घटिया और तीसरे स्तर वाले लोगो कि पार्टी कहा था।
सलमान खुर्शीद कि मर्दानगी तब कहा गयी थी जब पकिस्तान से आये आतंकवादियों ने दो भारतीय सैनिकों के सर काट लिए थे , तब वो और उनकी पार्टी कहा थी। सलमान खुर्शीद और उनकी पार्टी ने आखिर इटली के नौसैनिकों द्वारा भारतीय मछुआरों कि हत्या करने पर अभी तक कोई कड़ी कार्यवाही नहीं कि। क्या यह नपुंसकता का परिचायक नहीं है।
ऐसे एक नहीं अनेकों मामले आये जिनमें सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं कि क्या वो सब नपुंसकता नहीं। आज नरेंद्र मोदी कि बढ़ती हुई लोकप्रियता और लोकसभा चुनावों मैं अपनी हर को सामने देख सलमान खुर्शीद दिमागी संतुलन खो बैठे हैं और अनाप शनाप बयान दे रहे हैं। बेहतर वो भददे बयान देने से अच्छा कुछ राष्ट्र हित मैं काम करे।
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