दिल्ली वालों के लिए परेशानी का सबब बना केजरीवाल की सनक
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की केंद्र सरकार से चल रही लड़ाई का खमियाजा तो दिल्ली के लोग भुगत ही रहे हैं, अब इस ऑड इवन योजना ने तो लोगों की नाक में दम कर रखा है।पूरी तरह गैरकानूनी ये स्कीम केजरीवाल की सनक का नतीजा है जो यात्रा करने के अधिकार और निजी जीवन और आजादी के अधिकार का उल्लंघन करता है।
जिस मोटर व्हीकल एक्ट 115 के तहत स्कीम लाई गई वह पब्लिक सेफ्टी के लिए है और वायू प्रदूषण पब्लिक सेफ्टी में नहीं आता।
ये नोटिफिकेशन कानून के मुताबिक नहीं है, क्योंकि नियम के मुताबिक आप किसी को रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर सडक पर चलने से रोक नहीं सकते।
पहली जनवरी से दिल्ली की सड़कों पर शुरू हुआ निजी कारों के सम-विषम अभियान के शुरुआती दिनों में वाहनों की रफ्तार कम दिखी। माना गया कि लोग साल के शुरू में छुट्टी मनाने दिल्ली से बाहर गए हैं।
ज्यादातर लोग तो दो हजार रुपए चालान और उसके बाद होने वाली जलालत से परेशान होने के डर से घर से कम निकले या निकले तो वैकल्पिक इंतजाम करके निकले। मुख्यमंत्री ने तो योजना शुरू होते ही दो घंटे में इसे सफल बता दिया।
प्रदूषण कम होने का दावा भी कर दिया गया। साल के आखिर से प्रदूषण कम होने की खबर आ ही रही है तो कम वाहन चलने पर उसमें कमी आना बड़ी बात नहीं है बड़ी बात तो यह लग रही है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी इसे मुद्दा बना रही है कि उसने प्रदूषण कम करने के लिए कितना जोरदार अभियान चलाया।
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