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Thursday, 5 September 2013

प्रधानमंत्री बनने के सपने नहीं देखता



 भाजपा इस समय जहां नरेंद्र मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर दुविधा में पड़ी हुई है, वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री ने आज कहा कि वह इस शीर्ष पद के सपने नहीं देख रहे हैं और 2017 तक राज्य की सेवा के लिए मिले जनादेश का सम्मान करेंगे. मोदी ने कहा , मैंने इस तरह के सपने कभी नहीं देखें (प्रधानमंत्री बनने के), ना ही मैं इस तरह का सपना देखना जा रहा हूं. गुजरात की जनता ने मुझे 2017 तक अपनी सेवा करने का जनादेश दिया है और मुझे यह पूरी ताकत के साथ करना है.

उनकी टिप्पणी खासा मायने रखती है क्योंकि उन्हें औपचारिक तौर पर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में हो रही देरी को लेकर इसे उनकी नाखुशी के प्रदर्शन के तौर पर देखा जा सकता है. भाजपा के चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख मोदी ने छात्रों के साथ मुलाकात के दौरान कहा, जो कुछ बनने का सपना देखते हैं वे अंत में खुद को तबाह कर लेते हैं. किसी को कुछ बनने का सपना नहीं देखना चाहिए, बल्कि कुछ करने का सपना देखना चाहिए.गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री बनने के सपने नहीं देखते.अहमदाबाद के एक कार्यक्रम में जब एक छात्र ने मोदी से सवाल किया तो उन्होंने कहा, "जो सपना देखता है बर्बाद हो जाता है." मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी में प्रधानमंत्री पद के प्रबल उम्मीदवार माने जाने वाले मोदी ने कहा कि गुजरात के लोगों ने उन्हें साल 2017 तक का काम दे रखा है.

मोदी के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मोदी ने ऐसा कह कर पार्टी के भीतर यह पैगाम देने की कोशिश की है कि वे पीएम का उम्मीदवार बनने के लिए ललायित नहीं हैं. यानि वह खुद अपनी पीएम पद की दावेदारी पेश नहीं कर रहे हैं, बल्कि पार्टी के भीतर से उनकी दावेदारी पेश की जाए. दूसरी ओर कांग्रेस ने मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही हार मान ली है. कांग्रेस के सांसद जगदंबिका पाल ने एबीपी न्यूज़ कहा कि मोदी जानते हैं कि वह कुछ नहीं कर पाएंगे इसलिए वह पहले ही हार मान गए हैं.

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