काफी समय से भोजपुरी समाज भोजपुरी को भारत की संविधान की ८वि अधिसूची मैं जोड़ने की माग कर रहा है। आखिर भोजपुरी को राष्ट्रीय भाषा का दर्ज दिलाने के पीछे कारन क्या हैं ? इसके लिए यह समझना जरुरी होगा की देश विदेश मिला कर दुनिया भर मैं लगभग ५५ करोड़ लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं। यही नहीं फिजी और मारीशश जैसे देशों मैं तो इसे राष्ट्र्य भाषा का दर्ज मिला हुआ है , तो आखिर मैं यह क्यों नहीं हो सकता ? अगर गौर किया जाये तो यह भाषा पूर्वांचल और bihar मैं मुख्या रूप मैं बोली जाती है। यही नहीं इन क्षेत्रों के लोग दुनिया भर मैं बेस हुए हैं। ऐसे मैं उनसे संवाद स्थापित करने मैं इस भाषा की अहम भूमिका है। जब इस भाषा से काफी काम बोले जनि वाली भाषाओँ को यह दर्ज प्राप्त है तो इसे क्यों नहीं ?
लेकिन अब बात अलग है। भारत के प्रधानमंत्री अब इसी क्षेत्र से सांसद हैं। हम पूर्वांचल विकास मोर्चा की तरफ से नरेंद्र मोदी जी से इसे भारत के संविधान की ८ वि अभिसूची में शामिल करने की अपील करते हैं। उम्मीद है प्रधानमंर्ति का ध्यान इस ओर जायेगा क्यों की बिना इस बोली के इस क्षेत्रों के आम लोगो से संवाद जोड़ना उनके लिए भी मुश्किल होगा।
लेकिन अब बात अलग है। भारत के प्रधानमंत्री अब इसी क्षेत्र से सांसद हैं। हम पूर्वांचल विकास मोर्चा की तरफ से नरेंद्र मोदी जी से इसे भारत के संविधान की ८ वि अभिसूची में शामिल करने की अपील करते हैं। उम्मीद है प्रधानमंर्ति का ध्यान इस ओर जायेगा क्यों की बिना इस बोली के इस क्षेत्रों के आम लोगो से संवाद जोड़ना उनके लिए भी मुश्किल होगा।
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