ये
है पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस सासंद महाबल मिश्रा। पूर्वांचलियों के
रहमोंकरम पर इनकी राजनीति की दूकान चलती है। इसका पूरा परिवार
पूर्वांचलियों के वजह से ही वजूद में है लेकिन ये सबसे ज्यादा नफरत भी
पूर्वांचलियों से ही करते है।
पूर्वांचल के लोगों के भावनाओं के
साथ खिलवाड़ करके ये नेताजी अब राजनीति में अपने बेटे की दुकान चमकाने में
लगे है। साम-दाम-दंड-भेद में पारंगत नेताजी ने अपना पूरा वीटो लगाकर अपने
बेटे विनय मिश्रा को पालम विधानसभा से टिकट दिलवा तो दिया है लेकिन मामला
गड़बड़ हो रहा है।
पूर्वांचल विकास मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत कुमार पांडेय
ने इस बार पूर्वांचलियों से अपील की है कि वे इसबार महाबल मिश्रा जैसे
लोगों के बहकावे में नहीं आएं, जो केवल और केवल अपने परिवार के हित के लिए
राजनीति करता है।
महाबल पर लगा गंभीर आरोपअभी
कुछ माह पहले की बात है दिल्ली की फास्ट ट्रैक कोर्ट में इमकी पेशी होनी
थी। इनके साथ-साथ इनकी पत्नी, बेटी और भाई की भी पेशी थी। इस सांसद महोदय
पर पर एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को घर में पनाह देने का आरोप लगा।
नाबालिग
से दुष्कर्म का यह मामला यह साल 2006 का है। महाबल मिश्रा और उनके परिवार
पर यह भी आरोप है कि उन्होंने पीड़ित लडकी को दुष्कर्म के आरोपी के साथ
शादी करने का दबाव भी बनाया था। दुष्कर्म का आरोपी महाबल मिश्रा का करीबी
था।
इतना ही नहीं पीड़ित लड़की ने यह भी आरोप लगाया था कि उसे तीन चार दिनों तक महाबल मिश्रा और उसके भाई के घर पर बंद करके रखा गया था।
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भू-माफिया भी है महाबल मिश्राभाजपा
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता, विधायक प्रो. जगदीश मुखी और
द्वारका के विधायक प्रद्युम्न राजपूत ने नसीरपुर गांव की जमीन पर कब्जा
करने तथा उपराज्यपाल दिल्ली को धोखा देकर गुमराह करके सौ करोड़ रुपए का जमीन
घोटाला करने के आरोप कांग्रेसी सांसद महाबल मिश्रा, उनके भाई हीरा मिश्रा
पर लगाया।
भाजपा दिल्ली के तत्कालिन प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र
गुप्ता ने बताया था कि यदि निष्पक्ष जांच हुई तो सांसद महाबल मिश्रा, उनके
पुत्र, छोटे भाई हीरा मिश्रा, हीरा मिश्रा के सुपुत्र की कम्पनी डायमेंड
द्वारा दिल्ली भर में हजारों करोंड रूपए के अन्य जमीन घोटाले करने के मामले
भी उजागर होंगे।
सांसद महाबल मिश्रा का भू-माफिया रूप भी दिल्ली
की जनता को देखने को मिलेगा। जमीन घोटाला करने वाले महाबल मिश्रा तथा उनके
परिजनों द्वारा दिल्ली में किए गए करोंडों रूपए के भूमि घोटाले से दिल्ली
के किसान नाराज हैं।
नसीरपुर गांव की जमीन पर वर्तमान सांसद महाबल
मिश्रा, उनके भाई हीरा मिश्रा तथा इनके लंडकों की निगाह वर्ष 2002 से ही
थी। इन लोगों ने जमीन के मालिक किसानों पर दबाव डालकर जमीन औने-पौने दामों
पर बेचने को कहा। यह जमीन रिटायर कर्नल करण सिंह सोलंकी तथा 9 अन्य
व्यक्तियों की थी। जमीन बेचने के लिए श्री महाबल मिश्रा तथा उनके लोगों ने
सोलंकी परिवार पर इतना दबाव डाला कि उन्होंने औने-पौने दामों पर बेचने का
करार मजबूरी में सांसद के भाई हीरा मिश्रा से कर लिया। 2006 में नसीरपुर
गांव की कुल 15 बीघे जमीन का अधिग्रहण डीडीए ने कर लिया। उस समय महाबल
मिश्रा विधायक थे तथा डीडीए के सदस्य थे। अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर
उन्होंने अधिग्रहीत में से एक एकंड जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करने का
आवेदन डीडीए में किया।

यहां
बताना जरूरी है कि इसके लिए श्री महाबल मिश्रा ने बहाना यह बनाया कि
अधिग्रहीत 15 बीघा जमीन में से एक एकंड जमीन गरीब किसान की है। यदि जमीन
अधिग्रहीत होती है तो परिवार भूखों मर जाएगा। महाबल मिश्रा ने इस बहाने के
साथ कई बार दिल्ली के उपराज्यपाल से भी मुलाकात की। जनवरी 2011 में
उपराज्यपाल को धोखा देकर गुमराह करके श्री मिश्रा ने 100 करोंड रूपए से
अधिक मूल्य की एक एकंड जमीन अधिग्रहण से मुक्त करा ली ताकि उस पर गगनचुंबी
इमारतें खंडी करके अरबों रूपया कमाया जाए। यह जमीन 150 फुट चौड़ी रोड पर
स्थित है। जमीन के चारों ओर बहुमंजिली इमारतें खंडी हैं इसलिए आज की तारीख
में इसकी कीमत अरबों रूपया हो गई है।