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Tuesday, 3 December 2019

भारत में बेरोजगारों की बढ़ती तादाद पर पीएम मोदी को खत


श्री नरेंद्र मोदी जी,  माननीय प्रधानमंत्री


आपकी सरकार ने अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जिससे देश के युवा हतोत्साहित हो रहे है जिससे देश के ख़ास तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार के युवा रोजगार के लिए भटक रहे है परन्तु आपकी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसको आप शिकायत और सुझाव न समझे, आप इसका यथोचित जवाब दें।


श्रीमान, आपको संज्ञान दिलाना चाहता हूँ की आपकी सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किये परन्तु बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई कार्य नहीं किया। आज के समय देश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ख़ास तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार में जहां के युवा सिर्फ नौकरी पर निर्भर है और इसी के भरोसे इनके परिवार का जीवन का पालन पोषण होता है परन्तु आज के समय में यह युवा नौकरी के दर - दर भटक रहे है।

 क्या देश में खली पड़ी सरकारी संस्थाओ की रिक्तियां क्यों नहीं भरी जा रही है जिससे देश के युवाओ को रोजगार मिल सके और देश के युवा अपने परिवार का पालन पोषण कर सके प्रत्येक युवा के पीछे कम से कम छः लोग आश्रित होते है परन्तु ये शिक्षित युवा आपकी सरकार की नीतियों के चलते रोजगार के लिए पढ़ लिखकर दर- दर भटक रहे है परन्तु ना तो केंद्र सरकार और ना ही राज्य सरकार  रोजगार के मेल में कोई अपना रुख साफ़ कर रही है।


महोदय आप निजीकरण को बढ़ावा दे रहे है परन्तु इससे देश के बेरोजगारों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है जिससे देश के  पढ़े लिखे युवा ख़ास तौर पर पूरी उत्तर प्रदेश और बिहार तरस रहे है परन्तु आपकी सरकार ने विगत पांच बर्षो से बेरोजगारों के ऊपर अपने कोई ध्यान नहीं दिया।
महोदय चाय और पकोड़ा बेचना कोई रोजगार नहीं होता और जहां स्वाभिमान की बात है तो चाय और पकोड़े बेचने के लिए उच्च शिक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है।


महोदय आपको संज्ञान दिला रहा हूँ की लोकसभा के संसद या विधानसभा के  सदस्य कोई उच्च शिक्षा प्राप्त करके नहीं आते है और उन पढ़े लिखे बेरोजगारों को वोट के लिए प्रयोग करते है और चुनाव जीतने के बाद उन बेरोजगारों को भूल जाते है क्योंकि उनको तो रोजगार मिल गया और वो नेता समझते है की भारत के सभी बेरोजगारों को रोजगार मिल गया।


बेरोजगारी की समस्या को गंभीरता से संज्ञान में लेकर यथाशीघ्र बेरोजगारों के लिए यथोचित रोजगार का साधन कराया जाये नहीं तो भारत में भुखमरी की स्थिति पैदा हो रही है रही बात चाय बेचने बालो की तो हर एक चाय बेचने बाला प्रधानम्नत्री नहीं बन सकता है क्योंकि एक भारत का स्नातक शिक्षित मेघावी छात्र रोजगार के लिए दर -  दर भटक रहा है इसका समाधान यथाशीघ्र करे एवं इसका प्रतिउत्तर लिखित रूप में उपलब्ध कराएं