श्री नरेंद्र मोदी जी
माननीय प्रधानमंत्री
विषय - हिन्दू के आराध्य भगवान श्री राम जो आज टेंट में हैं और हिन्दुओ के सांसद एवं मंत्री महलों में क्यों रह रहे है? क्यों नहीं हिन्दू सांसद एवं मंत्री जब तक भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण न हो तब तक स्वम टेंट में क्यों नहीं रहते। भगवान श्री राम की तरह इसको गंभीरता से संज्ञान में लेकर जवाब एवं कार्यवाही की जाए।
महोदय,
जब तक हिंदूओं के आराध्य भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण नही हो रहा है तब तक भारत की संसद भवन के बजाय इंडिया गेट पर चलाई जाये। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश महोदय भगवान श्री राम के मामले की सुनवाई टेंट के अंदर बैठकर करें क्योंकि कलयुग में भगवान से ऊपर संविधान हो गया है।
हिन्दू सांसदों को शर्म तक नहीं आ रही है की आज भगवान विष्णु के अवतार श्री राम टेंट बिराजमान है और भगवान के नाम पर राजनीति और भगवान श्री राम के आगे संबिधान बड़ा हो गया है जो आज भगवान के खिलाफ ही कोर्ट में मुक़दमे चल रहे है जो खुद न्यायधीश हैं।
उनके ऊपर कैसा और कौन सा मुकदमा और कौन सा न्यायधीश एवं भारत के हिन्दू सांसदों, मंत्रियो , न्यायधीशों को क्या ज्ञात नहीं है की भगवान श्री राम जी का जन्म अयोध्या में हुआ था रही बात वकीलों की तो ये लोग भगवान क्या अपनी माँ तक पर मुकदमा चला सकते है।
देश के आराध्य भगवान श्री राम जिसके लिए न्यायालय भी भगवान के संविधान से ऊपर हो गया है जो प्रत्येक दिन तारीख पर तारीख दे रहा है। जिससे देश की आर्थिक क्षति भी हो रही है और हिन्दुओं की धार्मिक मर्यादा को ठेस पहुंच रहा है। सांसद में बैठे सभी पार्टियों के हिंदू सांसद केवल वोट की राजनीती कर रहे है।
भगवान श्री राम के नाम पर कम से कम राजनीति न करे और भारत जैसे हिन्दू प्रधान देश के हिन्दुओ के आराध्य को कोई भी पार्टी हिन्दू सांसद जो लोकसभा में बैठकर कानून बनाते यही और कुछ हिन्दू सांसद कानून का बिरोध करते है आखिर क्यों?
महोदय जब हिन्दू धरती पर जन्म लेता है तब से मृत्यु तक श्री राम का ही नाम लेता है और इंसान की जब जीवन की अंतिम यात्रा होती है तो हिन्दू धर्म में व्यक्ति का नाम न लेकर के श्री राम नाम सत्य है का उच्चारण करते हुए व्यक्ति के शव शमशान तक ले जाया जाता है यह परम्परा सत्युग,त्रेता युग , कृष्णावतार के युग और आज कलयुग में भी यही परंपरा है परन्तु माननीय सुप्रीम कोर्ट में बैठे माननीय न्याधीश एवं लोकसभा में बैठे हिदुओ के सांसदों शर्म तक भी नहीं आती की अपनी राजनीती के लिए अपने धर्म को खो बैठे है।
महोदय आप गंभीरता से संज्ञान में लेकर सभी सांसदों एवं स्वम जो हिन्दू सांसद है चाहे वो किसी भी पार्टी को हो जब तक भगवान श्री राम के मंदिर की स्थापना नहीं होती तब तक सभी हिन्दू सांसद एवं मंत्री एवं स्वम आप भी टेंट में रहे ताकि हिन्दू के मर्यादा और उनके आराध्य श्री राम के ऊपर जो न्यायलय बैठा है क्या भगवान के ऊपर भी कोई न्यायलय और संबिधान होते है ?
नोट :- माननीय प्रधानमंत्री जी अपने विशेष अधिकार का उपयोग करते हुए सभी पार्टियों के हिन्दू सांसदों को निर्देश दे की राम मंदिर पर राजनीति न करे और भगवान श्री राम पर मुकदमा में चलाया जा सके ऐसा दुनिया में कौन सा न्यायालय है। आप एवं सभी पार्टियों के हिन्दू सदस्यों को प्रतिज्ञा दिलाये की जंतर मंतर के धरना स्थल पर अपने आवास को छोड़ कर टेंट लगा कर रहे और आप कब तक राम मंदिर निर्माण होगा इसका जवाब लिखित रूप में अतिशीघ्र दे क्यूकी कोर्ट के फैसले तो आते ही रहेंगे और भगवान ने कौनसा ऐसा गुनाह कर दिया है जो उनकी जन्म भूमि पर उनके भवन को बनाने के लिए भी कोर्ट के फैसले का इंतज़ार किया जा रहे है।
आखिर क्यों ? क्या भारत के हिन्दू सांसद धर्म परिवर्तन कर चुके है जो हिन्दुओ के आराध्य भगवान श्री राम जी के मंदिर निर्माण पर राजनीति करके मजाक बना रहे है और भारत के हिन्दुओं को गहरा आघात पहुंचाया जा रहे है आखिर क्यों ?
माननीय प्रधानमंत्री
विषय - हिन्दू के आराध्य भगवान श्री राम जो आज टेंट में हैं और हिन्दुओ के सांसद एवं मंत्री महलों में क्यों रह रहे है? क्यों नहीं हिन्दू सांसद एवं मंत्री जब तक भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण न हो तब तक स्वम टेंट में क्यों नहीं रहते। भगवान श्री राम की तरह इसको गंभीरता से संज्ञान में लेकर जवाब एवं कार्यवाही की जाए।
महोदय,
जब तक हिंदूओं के आराध्य भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण नही हो रहा है तब तक भारत की संसद भवन के बजाय इंडिया गेट पर चलाई जाये। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश महोदय भगवान श्री राम के मामले की सुनवाई टेंट के अंदर बैठकर करें क्योंकि कलयुग में भगवान से ऊपर संविधान हो गया है।
हिन्दू सांसदों को शर्म तक नहीं आ रही है की आज भगवान विष्णु के अवतार श्री राम टेंट बिराजमान है और भगवान के नाम पर राजनीति और भगवान श्री राम के आगे संबिधान बड़ा हो गया है जो आज भगवान के खिलाफ ही कोर्ट में मुक़दमे चल रहे है जो खुद न्यायधीश हैं।
उनके ऊपर कैसा और कौन सा मुकदमा और कौन सा न्यायधीश एवं भारत के हिन्दू सांसदों, मंत्रियो , न्यायधीशों को क्या ज्ञात नहीं है की भगवान श्री राम जी का जन्म अयोध्या में हुआ था रही बात वकीलों की तो ये लोग भगवान क्या अपनी माँ तक पर मुकदमा चला सकते है।
देश के आराध्य भगवान श्री राम जिसके लिए न्यायालय भी भगवान के संविधान से ऊपर हो गया है जो प्रत्येक दिन तारीख पर तारीख दे रहा है। जिससे देश की आर्थिक क्षति भी हो रही है और हिन्दुओं की धार्मिक मर्यादा को ठेस पहुंच रहा है। सांसद में बैठे सभी पार्टियों के हिंदू सांसद केवल वोट की राजनीती कर रहे है।
भगवान श्री राम के नाम पर कम से कम राजनीति न करे और भारत जैसे हिन्दू प्रधान देश के हिन्दुओ के आराध्य को कोई भी पार्टी हिन्दू सांसद जो लोकसभा में बैठकर कानून बनाते यही और कुछ हिन्दू सांसद कानून का बिरोध करते है आखिर क्यों?
महोदय जब हिन्दू धरती पर जन्म लेता है तब से मृत्यु तक श्री राम का ही नाम लेता है और इंसान की जब जीवन की अंतिम यात्रा होती है तो हिन्दू धर्म में व्यक्ति का नाम न लेकर के श्री राम नाम सत्य है का उच्चारण करते हुए व्यक्ति के शव शमशान तक ले जाया जाता है यह परम्परा सत्युग,त्रेता युग , कृष्णावतार के युग और आज कलयुग में भी यही परंपरा है परन्तु माननीय सुप्रीम कोर्ट में बैठे माननीय न्याधीश एवं लोकसभा में बैठे हिदुओ के सांसदों शर्म तक भी नहीं आती की अपनी राजनीती के लिए अपने धर्म को खो बैठे है।
महोदय आप गंभीरता से संज्ञान में लेकर सभी सांसदों एवं स्वम जो हिन्दू सांसद है चाहे वो किसी भी पार्टी को हो जब तक भगवान श्री राम के मंदिर की स्थापना नहीं होती तब तक सभी हिन्दू सांसद एवं मंत्री एवं स्वम आप भी टेंट में रहे ताकि हिन्दू के मर्यादा और उनके आराध्य श्री राम के ऊपर जो न्यायलय बैठा है क्या भगवान के ऊपर भी कोई न्यायलय और संबिधान होते है ?
नोट :- माननीय प्रधानमंत्री जी अपने विशेष अधिकार का उपयोग करते हुए सभी पार्टियों के हिन्दू सांसदों को निर्देश दे की राम मंदिर पर राजनीति न करे और भगवान श्री राम पर मुकदमा में चलाया जा सके ऐसा दुनिया में कौन सा न्यायालय है। आप एवं सभी पार्टियों के हिन्दू सदस्यों को प्रतिज्ञा दिलाये की जंतर मंतर के धरना स्थल पर अपने आवास को छोड़ कर टेंट लगा कर रहे और आप कब तक राम मंदिर निर्माण होगा इसका जवाब लिखित रूप में अतिशीघ्र दे क्यूकी कोर्ट के फैसले तो आते ही रहेंगे और भगवान ने कौनसा ऐसा गुनाह कर दिया है जो उनकी जन्म भूमि पर उनके भवन को बनाने के लिए भी कोर्ट के फैसले का इंतज़ार किया जा रहे है।
आखिर क्यों ? क्या भारत के हिन्दू सांसद धर्म परिवर्तन कर चुके है जो हिन्दुओ के आराध्य भगवान श्री राम जी के मंदिर निर्माण पर राजनीति करके मजाक बना रहे है और भारत के हिन्दुओं को गहरा आघात पहुंचाया जा रहे है आखिर क्यों ?